उद्घाटन समारोह में एसएमई को संबोधित करते हुए मिश्रा ने कहा कि मॉरीशस और भारत में कई सालों से द्विपक्षीय संबंध हैं।
मिश्र ने कहा कि हम दोनों देशों के बीच एसएमई के सहयोग से इन संबधों को और मजबूत करना चाहते हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एमएसएमई को विकास का इंजन बताते हुए मिश्र ने कहा कि हमारे पास एक बहुत ही विविध एसएमई क्षेत्र है और हम उनकी सहायता के लिए मॉरीशस सरकार के साथ काम करना चाहते हैं। खासकर प्रौद्योगिकी के विस्तार को लेकर, जिसके लिए हम मॉरीशस की एसएमई के लिए कम लागत वाले तकनीकी उपकरणों को पेश करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि एसएमई क्षेत्र भारत की आर्थिक गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जो कि लगभग 11 करोड़ लोगों को रोजगार देता है। और निर्यात में इसका योगदान लगभग 40 प्रतिशत है।
मंत्री ने समारोह के प्रत्येक स्टॉल का दौरा किया और प्रदर्शनकारियों के साथ इन प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर चर्चा की।
मिश्र के मॉरीशस समकक्ष सुनील भोलह ने कहा कि यह समारोह तकनीक कंपनियों को नवीनतम तकनीक की खोज करते हुए आपूर्तिकर्ताओं के साथ संपर्क स्थापित करने का एक अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी की कमी एसएमई की मुख्य बाधाओं में से एक है।
लघु और मझौले उद्यम विकास प्राधिकरण (मॉरीशस) के अध्यक्ष परमा वेलयडन ने बताया कि यह फेयर मॉरीशस एसएमई के विस्तार को बढ़ाने के लिए एक आदर्श मंच है। मेले में भारत, चीन, मलेशिया, पाकिस्तान, बोत्सवाना, इटली और दक्षिण अफ्रीका आदि देशों के प्रतिभागी भी हिस्सा ले रहे हैं।
3 दिवसीय फेयर में उद्यमियों के लिए कुछ कार्यशालाएं भी आयोजित की जायेंगी।