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अनुसूचित जाति के हस्तशिल्प कारीगरों के विकास के लिए साइन हुआ MoU

मिनिस्ट्री आफ टेक्सटाइल और मिनिस्ट्री आफ सोशल जस्टिस और एम्पॅावरमेंट लगभग 12 लाख अनुसूचित जाति (SC) वाले कारीगरों के आर्थिक विकास के लिए एक साथ मिलकर काम करेंगे और इन कलाकारों के सशक्त बनायेंगे।

दोनों मंत्रालयों ने इस संदर्भ में एक मेमोरेंडम पर हस्ताक्षर किये हैं। समझौते के तहत देश भर में मौजूद अनुसूचित जाति के कारीगरों की आय में बढोत्तरी के लिए कार्य किया जाएगा।

एमओयू पर टेक्सटाइल मंत्री स्मृति ईरानी व भारत के केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावरचंद गलहोत की मौजूदगी में साइन किया गया।

इस अवसर पर टेक्सटाइल सेक्रेटरी रश्मि वर्मा और सेक्रेटरी मिनिस्ट्री आफ सोशल जस्टिस एंड एम्पॅावरमेंट लथास कृष्ण राव भी उपस्थित रहे।

एमओयू के जरिए जागरूकता शिविरों का आयोजन करके विभिन्न योजनाओं को लोकप्रिय बनाने व मूल्य निर्धारण करने के लिए डीसी कार्यालय (हस्तशिल्प) और NSCDFC एक दूसरे को व्यापक सहयोग देने के लिए काम करेंगे।

यह योजना अनुसूचित जाति के कारीगरों (जिनकी पहचान प्राप्त क्लस्टर में प्रभावशाली उपस्थिति है) के अभिनव, बाजार के अनुकूल डिजाइन, और आधुनिक उपकरणों व तकनीकों के क्षेत्र में कौशल उन्नयन पर फोकस होगी।

एमओयू का मकसद घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय बाजार समारोह में शेड्यूल कास्ट (SC) कारीगरों और इनके उत्पादों को बढ़ाया जाए।

समझौते पर डेवलपमेंट कमिशनर (हस्तशिल्प) आलोक कुमार और प्रबंध-निदेशक  NSCFDC, श्याम कपूर ने हस्ताक्षर किए।