वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विदेश व्यापार नीति की समीक्षा प्रक्रिया चल रही है।
वाइब्रेट गुजरात समिट के मौके पर सीतारमण ने कहा, “जब 2015 में विदेश व्यापार नीति की घोषणा हुयी थी तब हमने तय किया था कि हम आधे समयांतराल पर एफटीपी की समीक्षा करेंगे और अगर उस दौरान कोई बदलाव करना हुआ तो उसे भी करेंगे।”
सीतारमण ने कहा कि हम लोगों व स्टेकहोल्डर्स से उनकी राय ले रहे हैं। मंत्रालय इस बात की जांच कर रहा है कि पॅालिसी में किस जगह बदलाव करने की जरुरत है।
दिसंबर 2014 के बाद कमजोर वैश्विक मांग के कारण निर्यात में लगातार 18 महीनें लगभग मार्च तक गिरावट हुयी है। इस साल शिपमेंट्स में जुलाई और अगस्त के महीनों में बढोत्तरी देखी गयी है लेकिन बाकी महीनों में कोई वृद्धि नहीं हुयी है।
उन्होंने कहा कि आउटबाउंड शिपमेंट्स सितंबर से बढ रही हैं लेकिन वैश्विक स्थिति अभी भी अनिश्चित है। अप्रैल 2015 में सरकार ने पांच साल के लिए अपनी पहली विदेशी व्यापार नीति का अनावरण किया था।
इस नीति का उद्देश्य 2020 तक माल और सेवाओं के निर्यात को दोगुना करके 900 अरब डालर तक करना है।