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अरुणाचल प्रदेश: MSMEs को विकसित करने के लिए सरकार कई स्तरों पर कार्य कर रही है!

अरुणाचल प्रदेश राज्य इंडस्ट्री, टेक्सटाइल एंड हेंडीक्राफ्ट कमिश्नर Tahang Taggu ने कहा है कि राज्य सरकार ने एमएसएमई उद्यमों के बढ़ावा देने और इस सेक्टर के विकास के लिए कदम उठाए हैं। साथ ही हैंडलूम व हस्तकला गतिविधियां को विस्तार करने के लिए योजनाएं बनायी हैं।

शनिवार को पूर्वी सियांग जिले के ओयन गांव में एक महीने तक चलने वाले उद्यमशीलता कार्यक्रम को शुरु करते हुए उन्होंने कहा कि सम्बंधित विभाग के यूनियन मिनिस्टर की सलाह और सुझावों के बाद रेशम उत्पादन के लिए 35 करोड़ रुपये की स्कीम को सरकार ने आगे बढ़ाया है जो कि केंद्रीय सिल्क बोर्ड की सिफारिश में प्रतीक्षारत है।

कमिश्नर ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए सहभागियों को उद्यमी गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित किया।

उन्होंने कहा सरकार हैंडलूम और हेंडीक्राफ्ट गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए फंड व अन्य फीडबैक देने के लिए तैयार है।

बुनाई सेक्टर पर बोलते हुए कमिश्नर ने कहा कि सरकार पावरलूम हेंडलूम बुनाई को भी प्रोत्साहित कर रही है और हैंडलूम बुनाई को पॉवरलूम बुनाई में अपग्रेड करने पर विचार कर रही है।

राज्य में स्थापित 88 बुनाई इकाइयों में 30 से 35 इकाइयां काम कर रही हैं। जबकि शेष फंड की कमी के चलते बंद हो गई हैं।

इस साल योजना के लिए लगभग 4 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। जो कि अगले वित्तीय वर्ष के लिए मुख्य मंत्री की टेक्सटाइल प्रमोशन योजना के तहत आवंटित 5 करोड़ रुपये के धन के साथ जुड़ा हुआ है। फंड को 20 जिलों में मांग के आधार पर वितरित किया जाएगा।

40 ग्रामीण कारीगरों और महिला एसएचजी सदस्यों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया, जिसके बाद तकनीकी सत्र भी चलाया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी द्वारा सिलापथार साइंस कॉलेज (असम) के साथ मिलकर आयोजित किया गया है। कार्यक्रम राष्ट्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी और उद्यमिता विकास बोर्ड द्वारा प्रायोजित था।