पचौरी ने कहा कि सरकार ने यूपी की इंडस्ट्री के विकास के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को शुरु करने की योजना बनायी है और साथ ही प्रोजेक्ट समय पर पूरा करने के लिए विशेष उपाय किये जा रहें हैं। जिसके लिए तेलंगाना व गुजरात की प्रगतिशील नीतियों को संदर्भित किया गया है। मंत्री ने कहा कि सभी उद्योग बंधु बैठकों में अथॅारिटी के अधिकारी उपस्थित रहें ताकि पॅालिसी को सही प्रकार से लागू किया जा सके।
पचौरी ने भरोसा दिलाया है कि वह मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से अनुरोध करेंगे कि वह तीन महीनों में कम से कम एक राज्य स्तरीय उद्योग बंधु की बैठक में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं या किसी को अपनी ओर से इस कार्य के लिए नियुक्त करें।
राज्य के प्रिंसिपल सेक्रेटरी एंड एक्सपोर्ट प्रमोशन रजनीश दुबे ने कहा है कि आगामी पॅालिसी में ऐसे प्रावधान होंगे जिससे कि एमएसएमई के पुर्नजीवन व ग्रोथ के मजबूत मिलेगी और उद्यमों की आयुसीमा भी बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि आज के समय में एमएसएमई को केवल 2 लाख रुपये टेक्नोलॅाजी अपग्रडेशन के लिए सरकार की तरफ से मिलते हैं। नयी पॅालिसी के तहत हम इस लिमिट को 1 करोड़ तक करने की योजना बना रहे हैं।
दुबे ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर रोजगार सृजन में अपना अहम योगदान देता हैं। अगले पांच वर्षों में इस क्षेत्र को विकास के लिए करीब 2,000 करोड़ रुपये चाहिए।
उत्तर प्रदेश में मिनी औद्योगिक एस्टेट विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है। जहाँ उद्योगों के विकास के लिए प्राइवेट सेक्टर को 20-100 एकड़ जमीन उपलब्ध करायी जायेगी। इसमें ब्याज सब्सिडी, वित्तीय प्रोत्साहन, बिजली सब्सिडी आदि लाभों का विस्तार होगा और उद्यमियों को राज्यों में उद्योगों को स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
Inputs: Times of India