NDTV इंडिया की एक खबर के अनुसार जापान की इस पहल को प्रधामनंत्री मोदी द्वारा 12 नबंवर 2016 को की गयी उनकी जापान यात्रा से जोड़ा जा रहा है। जिसमें मोदी की अध्यक्षता में जापान टेक्सटाइल्स प्रॉडक्ट क्वालिटी एंड टेक्नोलॉजी सेंटर और मुम्बई वस्त्र मंत्रालय सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) साइन किया गया था।
बनारस की बनारसी साड़ियां देश में नहीं बल्कि विदेशों में भी पसंद की जाती है। जापान में भी बनारसी साड़ियां काफी लोकप्रीय हैं। जापान के इस कदम से बनारस के बुनकरों व कारीगरों को प्रोत्साहन मिलेगा। समझौते के तहत हस्तनिर्मित बनारस वस्त्र जापान को निर्यात होंगे। जिससे दोनों देशों के बीच के व्यापारिक संबध मजबूत होंगे। फिलहाल यह निर्यात एक फीसदी है।
हाल ही में इस संदर्भ में जापान के वस्त्र उद्योग के दो विशेषज्ञ बनारस आए थे जिन्होंने मुम्बई टेक्सटाइल्स कमेटी के साथ मिलकर एक कार्यशाला में भाग लिया था।
जापान वस्त्र उद्योग के सदस्यों ने इस कार्यशाला में बनारस के बुनकरों और व्यापारियों को अपने व्यापार करने के तरीकों अवगत कराया। उन्होंने कहा की समझौते के तहत भारत हमें बनारसी उत्पादकों का निर्यात करेगा। लेकिन इनकी डिजाइन व गुणवत्ता हमारे अनरुप होगी।
उम्मीद है कि इस पहल से यहाँ के बुनकरों की जिन्दगी बदलेगी और उन्हें उनकी म्हणत का सही मूल्य मिलेगा।