बिज़नेस स्टैण्डर्ड की एक ख़बर के अनुसार कोलकाता के डॅायरेक्टरेट जनरल कमर्शियल इंटेलीजेंस एंड स्टैटिक्स (DGCI&S) और भुवनेश्वर के डॅायरेक्टरेट आफ एक्सपोर्ट प्रमोशन एंड मार्कटिंग (DEPM) द्वारा जारी किये गए आंकड़ों के मुताबिक राज्य का साल 2015-16 में एक्सपोर्ट टर्न ओवर 19,082 करोड़ रुपये था। जो कि बढ़ोत्तरी के वर्ष 2016-17 में 40,872 करोड़ रुपये हो गया है।
ओड़िशा के एमएसएमई सचिव एल.एन.गुप्ता ने कहा है कि जिन क्षेत्रों में यह बढ़ोत्तरी हुयी है उनमें लौह अयस्क में (301 प्रतिशत), बल्क खनिज और अयस्क में (311 प्रतिशत), अवशिष्ट रासायनिक और संबद्ध उत्पादों में (861 प्रतिशत), लौह और इस्पात में (104 प्रति वर्ष) और एल्यूमीनियम तथा एल्यूमीनियम के उत्पाद में (72 प्रतिशत) दर्ज की गयी है।
वर्ष 2001-02 में राज्य का निर्यात कारोबार केवल 563 करोड़ रुपये था, जो 2005-07 में 15 गुना बढ़कर 8, 9 17 करोड़ रुपये हो गया था।
वैश्विक मंदी और इस्पात की कीमत में कमी के चलते, यह कारोबार साल 2007-08 के दौरान 1,215 करोड़ रुपये पर आ गया था। लेकिन वर्ष 2008-09 से ओड़िशा के निर्यात कारोबार में निरंतर वृद्धि देखी गई है।
गुप्ता ने कहा कि झारसुगुडा और बालासोर में अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (आईसीडी) के साथ शीघ्र ही काम शुरू होने की संभावना है जिससे राज्य के निर्यात को और बढ़ावा मिलेगा। निर्यात निरीक्षण एजेंसी और समुद्री उत्पाद निर्यात विकास द्वारा परीक्षण प्रयोगशालाएं बनने का कम जल्द ही पूरा हो जायेगा। और अगस्त 2017 तक इसके शुरू होने की संभावना है। उन्होंने कहा राज्य के पास जल्द ही नई ओडिशा निर्यात नीति-2017 होगी।