खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अधिकारी 2017 की डायरियों और कैलेंडरों से महात्मा गांधी के बजाए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाने के कदम का समर्थन कर रहे हैं। तो वहीं शिवसेना सांसद आनंदराव अडसुल के नेतृत्व में खादी ग्रामोद्योग कर्मचारी सेना (केजीकेएस) चाहती है कि केवीआईसी की सभी डायरियों और कैलेंडरों पर महात्मा गांधी की तस्वीर होनी चाहिए।
इस कदम का समर्थन कर रहे अधिकारी केवीआईसी के 2,800 कर्मचारियों के 26 जनवरी से प्रस्तावित आंदोलन के विरोध में खड़े हो गए हैं।
केवीआईसी अधिकारी संघ के लगभग 300 सदस्यों ने आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखकर इस ताजा घटनाक्रम पर आपत्ति जताई है और कहा है कि इस मामले का राजनीतिकरण कर संस्था को बदनाम किया जा रहा है।
संस्था के महासचिव बाबुल मंडल की ओर से भेजे गए पत्र के मुताबिक, “केवीआईसी को शरारती तत्वों और संस्था विरोधी तत्वों से किसी तरह के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है।” अधिकारी आयोग के अध्यक्ष के साथ एकजुटता से खड़े हैं।
मंडल ने सोमवार को चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है, जो केवीआईसी और गांवों में रह रहे कारीगरों के लिए हानिकारक होगा।
उन्होंने कहा, “हमे इससे बहुत पीड़ा हुई है। हमें लगता है कि इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाने के लिए एक समझौता फॉर्मूले की जररूत है।”
उधर केजीकेएस ने केवीआईसी के इस कदम के विरोध में 12 जनवरी को हुए मौन प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए कर्मचारियों के खिलाफ जारी कारण बताओ नोटिस तत्काल वापस लेने की मांग की है।
कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि केवीआईसी ने किसी भी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की, तो राष्ट्रव्यापी हड़ताल किया जाएगा।
केवीआईसी के इस कदम की भाजपा की सहयोगी शिवसेना सहित कई प्रमुख राजनीतिक दलों ने आलोचना की है। इसके साथ ही महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने भी इसकी निंदा की है।
Source: News18