खादी कारीगर 5.40 लाख अनस्किल्ड वर्कर्स को खादी के उत्पादन में शामिल करने से पहले प्रशिक्षित करेंगे। जिससे कि ये वर्कर्स अपनी कमाई 20 हजार रूपये सालाना से बढ़ाकर 73 हजार रूपये सालाना तक कर सकते हैं।
केवीआईसी अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा, “हमने इस प्रस्ताव को सरकार के पास भेजा है। इससे अधिक कारीगर केवीआईसी से जुडेंगे और देश में रोजगार बढ़ेगा।”
उन्होंने कहा कि हमारा प्रमुख उद्देश्य लोगों को मनरेगा के तय 100 दिनों से ज्यादा समय तक रोजगार देना है। इससे न केवल अकुशल श्रमिकों को कौशल सीखने मदद मिलेगी बल्कि उन्हें अपने उत्पादों के लिए विशेष रूप से ग्रामीण भारत की महिलाओं के मध्य बिक्री में सहायता मिलेगी।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) राज्यमंत्री हरीभाई पार्थीभाई चौधरी ने केवीआईसी के केंद्रीय कार्यालय में अपनी पहली यात्रा पर कहा है, “आज के दौर में कपड़े का एक टुकड़ा खरीदना मतलब एक एक कारीगर के लिए रोजगार के अवसर पैदा होना है। आज एमएसएमई 94 प्रतिशत रोजगार पैदा कर रहा है और केवल 4 प्रतिशत सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा उत्पन्न किया जा रहा है। केवल यही नहीं, सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर का 65 फीसदी एमएसएमई क्षेत्र से है।”