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खादी कैलेन्डर पर मोदी की फोटो को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय ने एमएसएमई मिनिस्ट्री से जवाब मांगा

प्रधानमंत्री कार्यालय ने हाल ही में खादी एवं ग्रामीण उद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की फोटो बिना इजाजत कैलेंड़र और डायरी पर प्रयोग करने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय (एमएसएमई मिनिस्ट्री) से जबाब मांगा है। केवीआईसी एमएसएमई मंत्रालय के अधीन ही कार्य करता है।

सूत्रों के अनुसार केवीआईसी ने प्रधानमंत्री की तस्वीर लगाने की इजाजत उनसे नहीं ली थी जिसके चलते प्रधानमंत्री कार्यालय ने केवीआईसी को जबाब-तलब किया है।

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही केवीआईसी ने साल 2017 के सालाना कैलेंडर जारी किए थे। जिस पर गांधी जी की जगह मोदी की फोटो उसके कैलेंड़र पर है, जो एक बड़ा मुद्दा बन गया है। विपक्षी दलों के भारी विरोध के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि केवीआईसी ने इसकी इजाजत उनसे नहीं ली थी।

पीएमओ के एक शीर्ष अधिकारी बताते हैं कि विज्ञापनों में बिना इजाजत प्रधानमंत्री की तस्वीर के प्रयोग करने का यह पहला वाक्या नहीं है। इससे पहले रिलायंस उद्योग की दूरसंचार कंपनी जियो और मोबाइल वॉलेट सर्विस पेटीएम भी यह कर चुकी हैं।

जिसके चलते विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका मिल रहा है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर आप मुखिया अरविंद केजरीवाल भी इस घटना के कारण सरकार को घेर रहे हैं।

केवीआईसी चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने इस मुद्दे पर कहा है, “जब पीएम मोदी ने पिछले साल महिला बुनकरों को लुधियाना में चरखे बांटे  थे तभी यह तय किया गया था कि साल के कैलेंडर और डायरी में पीएम की तस्वीर का इस्तेमाल किया जाएगा।”

इसके साथ ही सक्सेना ने कहा कि साल 2014 – 15 में खादी की बिक्री में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गयी पहलों के बाद से 34 फासदी की बढोत्तरी दर्ज की गयी है।