मकसद होगा, गाय से जुड़े उद्योगों को ज्यादा फलने-फूलने देना। योजना के तहत गायों से संबंधित सभी कामकाज सिखाएं जाएंगे। इनमें पालन पोषण करने से लेकर दूध, घी, गौ मूत्र, दवाईयां, ब्यूटी क्रीम आदि वस्तुओं की बिक्री तक शामिल रहेगी।
स्टार्ट-अप के ज़रिये इन सभी प्रोड्क्टस की नए माध्यमों के ज़रिये ब्रांडिंग भी होगी। गुजरात सरकार भी इसके लिए विशेष फंड तैयार कर रही है।
गौ सेवा आयोग इस योजना को लेकर राज्य की सभी औद्योगिक इकाइयों, और मुख्य कंपनियों से समर्थन करने पर बातचीत कर रहा है।
संस्थान के चेयरमैन डॉक्टर वल्लभ काथिरिया के मुताबिक, “यहां गांव के पालन पोषण का प्रशिक्षण देने और गांव आधारित वस्तुएं बेचने की काफी गुंजाइश है। इस प्रकार हजारों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकेगा। अब तक इसे इस तरह से बढ़ावा नहीं दिया गया है। हमने गाय आधारित उद्योग और नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ स्कीम को बढ़ावा देने का फैसला किया है। गाय आधारित स्टार्टअप की शानदार सफलता के लिए हम जल्द ही शीर्ष उद्यमी, वाणिज्य मंडलों, विभिन्न औद्योगिक संघों, विशेष रूप से एमएसएमई संघ को आमंत्रित करेंगे।”
इसके साथ ही उन्होंने कहा, “ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में इस तरह के शुरुआती अवसरों के साथ ही गौ-आधारित उत्पादों को ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रमुख शहरों में बेचने के लिए पर्याप्त अवसर है। हम गाय पालन में शामिल महिलाओं के समूहों को भी इस काम में शामिल करने की सोच रहे हैं।”
आयोग राज्य भर में गौ संत सम्मेलन करने पर भी विचार कर रहा है, जिसके ज़रिये जनता के बीच नए गौ रक्षा क़ानून के बारे में जागरूकता फैलाई जाएगी और स्टार्ट-अप योजना का प्रचार भी किया जाएगा।
इससे पहले बीजेपी शासित गुजरात में गौ हत्या पर नया कानून लागू किया जिसके तहत गाय की हत्या करने वालों को उम्रकैद, तस्करी करने वालों को 10 साल की सज़ा का प्रावधान है। गौ हत्या पर इस तरह का सख्त कानून पूरे देश में गुजरात में ही लागू है।
Source: Jansatta