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गुजरात: टेक्सटाइल पार्क का विरोध, किसानों ने कहा पर्यावरण को होगा नुकसान

गुजरात के सूरत शहर की तहसील ओलपड तालुका के गाँव पिंजरत में दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) प्रस्तावित मेगा टेक्सटाइल पार्क का खेदत समाज गुजरात- The Khedut Samaj Gujarat (KSG) ने विरोध किया है।

इस सम्बन्ध में किसान नेताओं ने 13 अप्रैल को एसजीसीसीआई के अध्यक्ष बी एस अग्रवाल को एक ज्ञापन सौंपा और दावा किया कि इस पार्क से वातावरण प्रभावित होगा।

केएसजी कार्यालय के पदाधिकारियों ने दावा किया कि पिंजरात में रंगाई और छपाई मिलों से आस-पास के गांवों में अत्यधिक प्रदूषण होगा और बड़ी संख्या में मछुआरे बेरोजगार हो जायेंगे।

केएसजी के सदस्य दर्शन नायक ने कहा कि एसजीसीसीआई अंतर्ज्वारिय (Intertidal zone) में इंडस्ट्री को विकसित करना चाहता है।

एसजीसीसीआई ने प्रोजेक्ट को निष्पादित करने के लिए टेक्सटाइल प्रोसेसिंग पार्क एसोसिएशन (टीपीपीए) नामक एक विशेष संघठन का गठन किया है।

पार्क को 1500 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 70 लाख वर्ग मीटर जमीन पर बनाया जाना है। पार्क में लगभग 100 टेक्सटाइल प्रोसेसिंग यूनिट, 40 वॉटर जेट बुनाई इकाइयां और 225 गारमेंटिंग यूनिट और अन्य टेक्सटाइल यूनिट्स लगायी जाएंगी।

इन टेक्सटाइल प्रसंस्करण इकाइयों की औसत उत्पादन क्षमता तीन लाख मीटर प्रति वर्ष की होगी। 50 प्रतिशत होम टेक्सटाइल को इसके तहत कवर किया जाएगा शेष को राज्य से बाहर बेंचा जाएगा।

अग्रवाल ने कहा है कि हमने साइट पर पर्यावरण के प्रभाव का परीक्षण शुरू किया है और इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या भूमि ब्लॉक सीआरजेड नियमों द्वारा नियंत्रित हैं। हम पर्यावरण नियमों के विरुद्द कोई काम नहीं करेंगे।