SMEpost

चौथी बार एक्सटेंड हो सकता है स्टील पर BIS, स्टील क्षेत्र की SMEs ने बढ़ाया दबाव

छोटे स्टील कारोबारी एक बार फिर स्टील प्रोडक्ट पर स्टेनलेस स्टील क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर (बीआईएस) लागू करने की डेडलाइन बढ़ाने की मांग कर रही है। उनके अनुसार बीआईएस लेने वाली कंपनियां कम है।

स्टील मंत्रालय पहले ही चार बार बीआईएस की डेडलाइन बढ़ा चुकी है। स्टील एसोसिएशन मंत्रालय पर डेडलाइन बढ़ाने का प्रेशर बना रही है।

स्टील मंत्रालय बढ़ा सकता है डेडलाइन

मेटल एंड स्टेनलेस स्टील मर्चेंट एसोसिएशन (एमएसएमए) के प्रेसिडेंट जितेंद्र शाह ने बताया कि ट्रेडर्स और कारोबारी बीआईएस ऑर्डर टालने की मांग स्टील मंत्रालय से कर रहा है। अभी 8 फरवरी से स्टील क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर (बीआईएस) 2016 लागू होना है। इसका ट्रेडर और कारोबारी विरोध कर रहे हैं और वह इसे छह महीने के लिए आगे बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं।

बीआईएस के लिए नहीं आई ज्यादा एंट्री

दुनिया में करीब 200 से अधिक स्टील कंपनियां हैं। अभी तक 8 स्टील मिलों को ही बीआईएस सर्टिफिकेट मिला है। इसमें से 4 इंडियन स्टील प्लांट ने बीआईएस सर्टिफिकेशन लिया है। सेल, बीआरजी और जिंदल के दो प्लांट ने बीआईएस प्लांट ने बीआईएस लिया है।

सरकार बीआईएस लागू करती है तो स्टील बीआईएस लेने वाली कंपनियों की मोनोपोली हो जाएगी और वह स्टील और महंगा कर देंगी।

कंपनियों ने बढ़ाई स्टील की कीमतें

शाह ने कहा कि कि बीआईएस ऑर्डर के बाद जिंदल ने 25 रुपए प्रति किलों तक फ्लैट स्टेनलेस स्टील की कीमतें बढ़ा चुकी है। सेल ने निकल क्वालिटी का फ्लैट स्टील बनाना बंद कर रखा है। कंपनियां बीआईएस के नाम पर मनमानी कर रही हैं।

क्या है बीआईएस ऑर्डर

सरकार के नया स्टेनलेस स्टील क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर जारी किया, जिसके तहत स्टील की मैन्युफैक्चरिंग,इंपोर्ट, स्टोरेज,सेल और डिस्ट्रिब्यूशन के लिए ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) के तहत रजिस्टर कराना जरूरी है।

बीआईएस स्टैंडर्ड पर खरा नहीं उतरने वाले स्टील का प्रोडक्शन,इंपोर्ट,स्टोरेज,सेल और डिस्ट्रिब्यूशन नहीं कर सकते।

भारतीय मानक ब्यूरो (The Bureau of Indian Standards यानी BIS) भारत में राष्ट्रीय मानक निर्धारित करने वाली संस्था है। यह उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधीन कार्य करती है। इसकी स्थापना सन् 1947 में हुई थी।

4 बार एक्सटेंड हो चुका है बीआईएस

स्टील कारोबारियों की समस्या को देखते हुए स्टील मिनिस्ट्री ने स्पेशल कमेटी गठित की थी। इस कमेटी ने बीआईएस ऑर्डर को 8 फरवरी दिसंबर तक टालने की सिफारिश की थी।

इससे पहले बीआईएस अप्रैल 2016 में लागू होना था। इसे तब 10 जून 2016 से तक के लिए टाल दिया गया। फिर कारोबारियों की परेशानी को देखते हुए इसे 9 सितंबर के लिए टाल दिया गया। सरकार ने फिर इसे 3 महीने के लिए एक्सटेंड कर दिसंबर तक के लिए टाल दिया। दिसंबर से ये फरवरी तक फिर टाल दिया गया।

कारोबारी क्यों हैं परेशान

इस ऑर्डर से स्टील ट्रेडर्स और इंपोर्टर के 5 हजार करोड़ रुपए दांव पर लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि मार्केट में काफी बड़ी मात्रा में बगैर बीआईएस वाला स्टील है, जिसे निकालना आसान नहीं है।

दूसरा, घरेलू कंपनियों नें बीते ढाई महीने में 30 से 40 फीसदी दाम बढ़ा दिए हैं जिसके कारण इन कंपनियों से स्टील खरीदना महंगा हो गया है। विदेशी कंपनियों ने बीआईएस के लिए एप्लाई नहीं किया है, तो उनसे वह स्टील नहीं ले सकते।

Source: Money Bhaskar