तिहाड़ के गेट नंबर 5 पे 9 मई से 13 मई तक ये प्रशिक्षण दिया जा रहा है। केवीआईसी जेल में 500 मधुमक्खियों के बॉक्स भी जेल में लगाएगा जिसके जरिये उच्च गुणवत्ता का शहद बनाया जायेगा। इन बॉक्सेस से लगभग 12, 500 किलो शहद और 300 किलो मोम (वैक्स) सालाना पैदा होगा।
मधुमक्खी पालन के साथ-साथ कैदियों को 3 अन्य ट्रेनिंग और दी जा रही हैं जिनमें डिटर्जेंट बनाना, हैण्ड मेड पेपर और सुगंध सामग्री शामिल है।
केवीआईसी अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने जानकारी देते हुए बताया कि ट्रेनिंग लेने वाले कैदियों को मधुमक्खी पालन के स्कोप और उसकी उपयोगिता के बारे में बताया जाएगा जिससे कि वे भविष्य में स्व-रोजगार कर सकें।
कार्यशाला में कैदियों को इस बात की जानकारी दी जा रही है कि मधुमक्खी पालन किस तरह से किया जाता है। वहीं इससे कार्य से जुड़ी बारीकियों के बारे में भी जानकारी दी गयी। और उन्हें शहद के विपणन से जुड़ी रणनीति से भी अवगत कराया गया है।
तिहाड़ जेल के महानिदेशक कारागार सुधीर यादव ने केवीआईसी की इस पहल के बारे में कहा कि मधुमक्खी पालन का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम तिहाड़ जेल के कैदियों के सुधार एवं पुनर्वास कार्यक्रम के तहत आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा की भविष्य में केवीआईसी इस तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करता रहेगा।