देश के पास आज की तारीख में कोई एमएसएमई पॅालिसी नहीं है। कैबिनेट सेक्रेटरी प्रभात कुमार की अध्यक्षता वाली एक सदस्यीय समिति ने पिछले महीने मिश्र को नेशनल एमएसएमई पॅालिसी पर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
कलराज ने कहा, “पैनल ने हमें अपनी रिपोर्ट दे दी है। अभी हम इसको लेकर विभिन्न मिनिस्ट्री के साथ मिलकर इस पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। और जल्द ही इसे पब्लिक डोमेन में रखा जायेगा जहाँ हितधारकों के विचार लिए जायेंगे। पॅालिसी को जल्द ही लागू किया जाएगा।”
एमएसएमई मिनिस्ट्री के एक सानियर अधिकारी ने कहा है कि मिनिस्ट्री प्रस्तावित पॅालिसी पर वित्तीय अनुमान को लेकर भी बात कर रही हैं।
मिश्र ने कहा कि 25 लाख सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग, सितम्बर 2015 में शुरू किये गए आधार बेस़्ड रजिस्ट्रेशन सिस्टम ‘उधोग आधार’ के तहत रजिस्टर हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी मिनिस्ट्री को बजट में 6,482 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं। जो कि पिछले वित्तीय-वर्ष से 87 फीसदी अधिक है।
मिश्र ने कहा कि अभी क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फंड़ 7500 करोड़ रुपये है, जो पहले की अपेक्षा 2,500 करोड़ रुपये अधिक है। इससे पहले यह 5000 करोड़ रुपये था।
उन्होंने कहा कि लगभग 27 लाख इकाइयों ने फंड़ के तहत लाभ प्राप्त किया है। और बैंकों ने 1,23,000 करोड़ रूपये लोन के रूप में वितरित किये हैं।