भुवनेश्वर में सेंट्रल रुम और प्रशिक्षण केंद्र (CTTC) की रजत जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किये गए एक समारोह में मंत्री ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि देश में चल रहे 18 एमएसएमई ट्रेनिंग सेंटर पहले से ही प्रशिक्षण केंद्र (CTTC) की तरह कार्यरत हैं और युवाओं के कौशल विकास (स्किल डेवलपमेंट) को बढ़ाने में अपना योगदान दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, “इन सभी केंद्रों में भुवनेश्वर स्थित ट्रेनिंग सेंटर ने सबसे उल्लेखनीय काम किया है।” इसके साथ ही उन्होंने सीटीटीसी, भुवनेश्वर को सुझाव दिया, कि आगामी उद्यमियों को अपने स्वयं के उद्यम शुरू करने से पहले सभी प्रशिक्षण और सुविधाएं प्राप्त करने में उनकी मदद करें ताकि सेक्टर का विकास तेज गति से हो।
उन्होंने आगे कहा कि यदि सीटीटीसी भुवनेश्वर विधार्थियों को एक ही जगह पर अनेक सुविधाऐं प्राप्त कराता है, तो यह विधार्थियों के लिए एक एक मनोबल बढ़ाने वाली बात होगी जो उनको अपना उद्यम शुरू करने के लिए प्रेरित करेगा।
इस अवसर पर उपस्थित राज्य एमएसएमई सेक्रेटरी एलएन गुप्ता ने मिश्र से सीटीटीसी, भुवनेश्वर की तरह बरहामपुर व संबलपुर में भी प्रशिक्षण केंद्र को स्थापित करने को कहा है। हालांकि मंत्री ने ओड़िशा के बारे में किसी भी प्रकार की योजना का खुलासा नहीं किया है, लेकिन उन्होंने कहा कि नए केंद्रों के लिए उनका मंत्रालय राज्य सरकार के साथ चर्चा करेगा।
गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि संस्था हर साल 32,000 छात्रों के लिए प्रशिक्षण प्रदान करती है। जिसका सालाना कारोबार 17 करोड़ रुपये के मुनाफे के साथ 47 करोड़ रुपये है। जिससे सेंटर देश में शीर्ष स्थान पर आ गया है।
सीटीटीसी के प्रबंध निदेशक एस मैती ने कहा कि उनकी संस्था भारतीय वायुसेना के एलसीए तेजस-लड़ाकू विमान करने के लिए हार्डवेयर की सप्लाई करती है।
उन्होंने कहा कि इस संस्था का भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चंद्रमा और मंगल ग्रह मिशन की सफलता में भी एक महत्वपूर्ण योगदान है। साथ ही सेंटर राज्य की एमएसएमई के लिए परामर्श सेवाएं भी प्रदान करता है।
इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक एस सोमनाथ ने कहा कि उनका संगठन सीटीटीसी भुवनेश्वर से अपने आगामी अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए उपकरणों का उत्पादन बैंगलोर में करना चाहता है।