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पंजाब: MSMEs को बढ़ावा देने के लिए 3 साल का क्लस्टर इंटरवेशन प्रोग्राम (M-CIP)

लघु उद्योग विकास बैंक ऑफ इंडिया (सिडबी) ने एमएसएमई को सशक्त करने के उद्देश्य से व मेक इन इंडिया पहल को प्रोत्साहित करने के लिए तीन साल के एमएसएमई क्लस्टर इंटरवेशन प्रोग्राम (M-CIP) को शुरु किया।

द ट्रिब्यून की एक ख़बर के मुताबिक इस कार्यक्रम के शुरुआती स्वरुप को 30 क्लस्टर्स में लागू किया जाने का फैसला किया गया है। जिसके प्रारंभ के लिए लुधियाना के पांच क्लस्टर (जिसमें परिधान क्लस्टर शामिल हैं) से किया जाना है। योजना का लक्ष्य लुधियाना के परिधान क्लस्टर को स्मार्ट क्लस्टर बनाकर विकसित स्थानीय और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है।

एपेक्स क्लस्टर डेवेलपमेंट सर्विसेज (एसीडीएस)  जिसे क्लस्टर क्राफ्ट के नाम से भी जाना जाता है, को लुधियाना क्लस्टर के लिए क्लस्टर इंटरवेंशन एजेंसी के रूप में चुना गया है।

एसीडीएस के प्रबंध निर्देशक राजवीर सिंह ने कहा है कि एमएसएमई पारिस्थितिक तंत्र को मजबूत करना बहुत जरुरी है। उन्होंने क्ल्स्टर को सशक्त करने के लिए मौजूदा चुनौतियों को कम करने व क्लस्टर को अत्यधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के वाली योजनाओं को हाइलाइट किया।

एसीडीएस क्लस्टर डेवलपमेंट मैनेजर, एसएस वेदी ने लुधियाना निटवेअर क्लस्टर पर दैग्नोस्टिक (नैदानिक) ​​अध्ययन रिपोर्ट (डीएसआर) प्रस्तुत की।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि एमएसएमई-डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट के डॅायरेक्टर मेजर सिंह थे। सिंह ने अर्थव्यवस्था के विकास में एमएसएमई की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।

सिडबी डीजीएम, प्रसेनजीत चौधरी ने विभिन्न योजनाओं और वित्तीय उत्पादों के विवरण प्रस्तुत किए। और उद्यमियों को वित्तीय सहायता देने का आश्वासन भी दिया।

समारोह में राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (एनपीसी) के अधिकारी जी सरवन ने सरकार की विनिर्माण प्रतिस्पर्धा योजना के बारे में बताया। और उद्यमियों को योजना के तहत लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया।

Image Courtesy: The Tribune