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प्रौद्योगिक केंद्र के 2018 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद, 145 करोड़ रुपये आएगी लागत

ग्रेटर नोएडा में खुलने जा रहे प्रौद्योगिक केंद्र का काम जमीनी स्तर पर जल्द शुरू होने वाला है। इसके निर्माण के लिए बोली प्रक्रिया अंतिम चरण में चल रही है।

यह केंद्र केंद्रीय सूक्ष्म, लघु व मझौले उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) की देश भर में 15 प्रौद्योगिक केंद्र खोलने की योजना के तहत खुल रहा है।

इस केंद्र के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रेटर नोएडा में 15 एकड़ जमीन मुफ्त दी है। इस केंद्र पर एमएसएमई मंत्रालय 145 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करेगा।

एमएसएमई मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि ग्रेटर नोएडा में प्रौद्योगिकी केंद्र के निर्माण का कार्य शुरू करने के लिए बोली प्रक्रिया अंतिम चरण में है। अगले माह यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगाी और इसके साथ ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

अधिकारी ने कहा कि वर्ष 2018 तक यह केंद्र बनकर तैयार होने की उम्मीद है। इस केंद्र का निर्माण शुरू होने के साथ साथ ही मशीन व उपकरण खरीदने का काम किया जाएगा, जिससे समय पर इस केंद्र में लोगों को प्रशिक्षण का कार्य मिल पाएगा।

इस केंद्र के शुरू होने के बाद यहां के उद्योगों को तकनीकी मदद देने के साथ हर साल 3,000 से अधिक लोगों को प्रशिक्षण दिए जाएंगे।

इस केंद्र से नोएडा-ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के इलैक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन व विनिर्माण (ईएसडीएम), ऑटोमोटिव इलैक्ट्रॉनिक्स आधारित उद्योग को तकनीकी व कुशल कामगार के रूप में मदद मिलेगी।

इस केंद्र में ईएसडीएम क्षेत्र के विकास, डिजाइन सेवाओं, परीक्षण के साथ इलेक्ट्रॉनिक मरम्मत व रख-रखाव, कंप्यूटर हार्डवेयर व साफ्टवेयर में प्रशिक्षण पर विशेष दिया जाएगा।

ग्रेटर नोएडा इलैक्ट्रॉनिक्स उद्योग हब के रूप में उभर रहा है। इस केंद्र के बनने से यहां उद्यमियों को कुशल कामगार मिलने में बड़ी मदद मिलने की संभावना है। एमएसएमई मंत्रालय के 15 प्रौद्योगिकी केंद्रों में से 5 केंद्रों के निर्माण का काम शुरू हो चुका है। मंत्रालय ये केंद्र खोलने पर करीब 2200 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है।

Source: The Business Standard