यह पोर्टल 12 अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में है, जिनमें जर्मन, स्पेनिश, पुर्तगीज, जापानी, कोरियन, चायनीज (मेंडारिन), तायबानी, फ्रेंच, डच, वियतनामी और एवं इटालियन शामिल हैं। केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से तैयार हुए इस ई-पोर्टल को दुनिया के 177 देशों में देखा जा सकता है। पोर्टल बांड सिस्टम के तहत कार्य करता है, जिसके द्वारा वर्ल्ड-वाइड नेटवर्किंग की सुविधा है। अब तक इस पोर्टल से प्रदेश की छोटी-बड़ी 550 औद्योगिक इकाइयां जुड़ चुकी हैं, जिनमें 50 से 60 भोपाल की हैं। अन्य के भी आगे जुड़ने की प्रक्रिया जारी है। जिन इकाइयों की स्वयं की वेबसाइट है, वे उसे इस पोर्टल से लिंक कर सकती हैं।
पोर्टल पर पंजीकरण के लिए न्यूनतम शुल्क लिया जाता है। यह रजिस्ट्रेशन दो से तीन साल के लिए किया जाता है। इसके बाद दोबारा कंपनी को रजिस्ट्रेशन करवाना होता है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग (एमएसएमई) एसाइड पोर्टल से एग्रीकल्चर संयंत्र बनाने वाली कंपनियां, इलेक्ट्रिकल्स इंस्ट्रूमेंट और वुडन फर्नीचर बनाने वाली छोटी इकाइयां हैं। इसके अलावा बुनकरों एवं हस्तशिल्पियों के लघु उद्योगों के उत्पाद पोर्टल पर डाले जा रहे हैं, जिससे अच्छे परिणाम सामने आए हैं।
घर बैठे ही अच्छा बाजार मिल रहा है
गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया एसोसिएशन के अध्यक्ष, मुकेश सचदेवा का कहना है कि बड़े हों या छोटे सभी उद्यमियों को अपने प्रोड्क्टस अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बिक सकें, इसकी जरूरत है। इसके लिए एमएसएमई डिपार्टमेंट द्वारा तैयार किए गए पोर्टल से फिलहाल भोपाल की ही 50 से 60 औद्योगिक इकाइयां जुड़ चुकी हैं। उद्यमियों को घर बैठे ही इस पहल से उनके उत्पादों के लिए अच्छा बाजार मिल रहा है।
बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं उद्यमी
वहीँ सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग के प्रमुख सचिव वीएल कांताराव कहते हैं कि एसाइड योजना के तहत बीटूबी (B2B) एक्सपोर्ट प्रमोशनल पोर्टल का निर्माण किया गया है। इससे प्रदेश के बड़ी संख्या में उद्यमी जुड़ रहे हैं। शुरुआती अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। आगामी वित्तीय वर्ष में केंद्र और राज्य सरकार की मदद से मध्यप्रदेश में छोटे उद्योग शुरु होंगे।
Source: DainikBhaskar.com