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मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसी योजनाओं में भारत के साथ काम कर सकता है इटली

भारत और इटली के बीच द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों को सशक्त करने व दोनों देशों के बीच निवेश को बढ़ावा देने के लिए 11 से 12 मई रोम में आयोजित हुयी 19 वीं जॉइंट कमीशन फॉर इकोनॉमिक कोऑपरेशन (जेसीईसी) की बैठक में वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने हिस्सा लिया।

इस दौरान दोनों देशों के बीच के व्यापारिक परितंत्र को मजबूत करने और निवेश को प्रोत्साहित करने वाले प्रारुपों पर दोनों देशों ने अपनी सहमति जतायी। बैठक में जेसीईसी के व्यापारिक संबंधों के विकास में महत्व को बताया गया।

इटली में भारतीय राजदूत अनिल वाधवा ने कहा कि आधिकारिक स्तर पर हुयी इस बैठक में दोनों देश व्यापार, वाणिज्य और निवेश को बढ़ावा देने पर सहमत हुए।

इटली ने ‘मेक इन इंडिया’ परियोजनाओं, डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया योजना, ऑटो पार्ट्स, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, मशीनरी,  स्मार्ट सिटी, रेलवे, खाद्य प्रसंस्करण आदि क्षेत्रों में निवेश करने को लेकर अपनी रुचि व्यक्त की।

सीतारमण ने इटली की कंपनियों से भारत में निवेश करने को कहा। भारतीय राजदूत द्वारा आयोजित हुयी बिजनेस माटिंग में इटली की सर्वश्रेष्ठ कंपनियों ड्यूकाती, एनेल, फेरेरो, फिएट आदि के 80 सीईओ ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी।

दोनों देशों के बीच हुए समझौतों के तहत इटली जल्द ही भारत को एक ड्राफ्ट एक्सन प्लान योजना प्रदान करेगा, जिसमें व्यापार और निवेश प्रस्ताव शामिल होंगे। इटली के साथ पिछली जेसीईसी की बैठक नई दिल्ली में 2009 में हुई थी।

सीतारमण ने इटेलियन बिजनेस डेलेगेशन का दौरा भी किया। उन्होंने समुद्री मुद्दे के कारण दोनों देशों के बीच सुस्त पडे हुये रिश्ते को पुनर्जीवित करने के लिए अपनी सरकार के सन्देश को भी बताया।

सीतारमण के साथ कॉमर्स मिनिस्ट्री और डीआईपीपी के उच्च स्तर के अधिकारी भी इस बैठक में शामिल हुए।

साल 2014-15, 2015-16 और 2016-17 के दौरान दोनों देशों की बीच व्यापार क्रमशः 9.32 अरब अमेरिकी डॉलर, 8.28 अरब अमेरिकी डॉलर और 8.80 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। वैश्विक मंदी के बाद भी पिछले तीन सालों में दोनों देशों के बीच के व्यापारिक ग्रोथ में बढ़ोत्तरी हुयी है।