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लेदर व फुटवियर उद्योग के लिए 4000 करोड़ का पैकेज जुलाई में

नई दिल्ली: सरकार आगामी जुलाई में लेदर और फुटवियर उद्योग के उत्पादन, निर्यात और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए 4000 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कर सकती है।

वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय लेदर उद्योग के लिए उसी तरह का पैकेज देने पर विचार कर रहा है जिस तरह का पैकेज पिछले साल टेक्सटाइल उद्योग को दिया गया था। 4000 करोड़ रुपये के इस पैकेज में कर और गैर कर फायदे दिये जा सकते हैं। वित्त मंत्रालय इस उद्योग के लिए 500 करोड़ रुपये पहले ही मंजूर कर चुका है। रियायतें देने के लिए वाणिज्य मंत्रालय ने एक नोट तैयार किया है और दूसरे मंत्रालयों के सुझाव लेने के लिए भेजा है।

एक अधिकारी ने बताया कि प्रस्तावित पैकेज संशोधित इंडियन लेदर डवलपमेंट प्रोग्राम (आइएलडीपी) का हिस्सा होगा। व्यय एवं वित्त समिति इस नोट पर विचार करेगी। इसके बाद मंत्रालय केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजेगा। जुलाई तक इस पैकज की घोषणा हो सकती है। अधिकारी के अनुसार आइएलडीपी पिछले वित्त वर्ष में समाप्त हो चुका है। लेकिन मंत्रालय ने इसे तीन साल के लिए बढ़ाने का आग्रह किया है। इस उद्योग में बाटा इंडिया, लिबर्टी शूज, मिर्जा इंटरनेशनल और रिलेक्सो फुटवियर प्रमुख कंपनियां हैं।

यह उद्योग इस लिहाज से अहमियत रखता है कि मेक इन इंडिया अभियान पर भी इस पर जोर दिया गया है। इस अभियान में कुल 25 उद्योगों पर खास ध्यान दिया जा रहा है। काउसिंल फॉर लेदर ने भी सरकार से उद्योग को वित्तीय मदद देने का आग्रह किया है। उद्योग के जानकारों के अनुसार एक करोड़ रुपये के निवेश से करीब 250 लोगों को रोजगार मिलता है। इस समय उद्योग में करीब 30 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिला है। विश्व बाजार में चीन भारतीय सप्लायरों को मूल्य के मामले में कड़ी टक्कर दे रहा है। वित्तीय पैकेज मिलने से लेदर का निर्यात बढे़गा।

सरकार ने इस उद्योग का निर्यात 2020 तक बढ़ाकर 15 अरब डॉलर (करीब 96000 करोड़ रुपये) तक करने का लक्ष्य रखा है। इस समय इसका निर्यात करीब सात अरब डॉलर (करीब 45000 करोड़ रुपये) का है। भारतीय उद्योग में सिंथेटिक उद्योग के उत्पादों का दबदबा है। कुल लेदर उत्पादन में 90 फीसद उत्पादन सिंथेटिक लेदर का होता है। पिछले साल सरकार ने टेक्सटाइल व अपेरल उद्योग के लिए 6000 करोड़ रुपये का पैकेज दिया था।

Source: jagran