कपड़ा मंत्रालय के अनुसार उसने वस्त्र पार्क, कपड़ा प्रोसेसिंग, मशीनरी और कालीन विकास के क्षेत्र में मेमोरेंड़म पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस मौके पर केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने गुजरातियों की उद्यमशीलता की भावना और निवेश प्रवाह को देखते हुए कहा है, “गुजरात के कपड़ा उद्योग के विकास कहानी तो अभी शुरू हुई है।”
स्मृति ने कहा कि गुजरात, सभी प्रकार के वस्त्रों के लिए एक सोर्सिंग हब है। उन्होंने कहा कि गुजरात में टेक्सटाइल शिक्षा में बहुत सारी संभावनाऐं हैं।
वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन में “मेक इन गुजरात” थीम को संबोधित करते हुए इरानी ने कहा, “हमने सेमिनार के दौरान 8,835 करोड़ के एमओयू पर साइन किए हैं। गुजरात में कौशल विकास कार्यक्रम के माध्यम से 28 आईटीआई में कपड़ा पाठ्यक्रम चल रहा है। जिसमें 75 प्रतिशत प्लेसमेंट को दर्ज किया गया है।”
ईरानी ने आगे कहा कि गुजरात दो प्रमुख संस्थानों, निफ्ट और एनआईडी व विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेज टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी, कपड़ा प्रोसेसिंग और टेक्सटाइल इंजीनियरिंग की डिग्री प्रदान करते हैं। गुजरात में भारत के कुल कपास उत्पादन का 29 प्रतिशत कपास भी बनाया जाता है।
“लेकिन हमें कपड़ा मिलों ने सूचना दी है कि गुजरात से खरीदा कपास गंभीर समस्या पैदा कर रहा है और यह मिलावटी है। दक्षिणी भारत मिल्स एसोसिएशन (सिमा) ने कहा हाल ही में शिकायत करते हुए कहा था कि गुजरात में ginners का एक वर्ग कपास में मिलावट कर रहा है।”
ईरानी ने गुजरात के कपड़ा मूल्य श्रृंखला के विकास के लिए अपने मंत्रालय के समर्थन का आश्वासन दिया है और कहा है कि मंत्रालय गुजरात में तकनीकी वस्त्र और अनुसंधान के क्षेत्र में संभावनाओं का पता लगाएगा।