हरिभाई ने कहा कि कैश आधारित लेन देन को डिजिटल करने वाली एमएसएमई की वर्किंग कैपीटल लिमिट को उचित रूप से सुविधाजनक बनाने के लिए इसे बढ़ा दिया गया है।
उन्होंने आगे बताया की एक योजना के तहत जिन एमएसएमई यूनिट्स का टर्न ओवर 2 करोड़ से अधिक है उनको इनकम टैक्स सालान आय का 8 फीसदी देना होता है, उसे यूनियन बजट 2017-18 में 6 प्रतिशत किया जाने के प्रस्ताव दिया गया है अगर यूनिट का लेनदेन डिजिटल हो तो।
इसके अलावा नकदी रहित लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए, 2017-18 के केंद्रीय बजट में कुछ मशीनों पर छूट प्रस्तावित की गई है जिनमें बीसीडी, POS कार्ड रीडर पर एक्साइज / सीवी शुल्क, माइक्रो एटीएम मानकों के संस्करण 1.5.1, फिंगरप्रिंट रीडर / स्कैनर्स और आईरिस स्कैनर्स आदि में छूट दी गयी है।