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स्वरोजगार को बढ़ाने में स्टार्टअप इंडिया का अहम् योगदान, सबके लिए बनाये नए अवसर: DIPP सेक्रेटरी रमेश अभिषेक

देश के विकास में आज स्टार्टअपस एक अहम भूमिका निभा रहे हैं और स्वरोजगार की भावना को बल दे रहे हैं। स्वरोजगार को बढ़ाने के लिए एक नए युग की शुरुआत करते हुए साल 2016 में सरकार द्वारा कई पहलों को शुरु किया गया था। जिसमें वाणिज्य मंत्रालय के अधीन औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ़ इंडस्ट्रियल पालिसी एंड प्रमोशन अर्थात डीआईपीपी) ने सेक्रेटरी रमेश अभिषेक के नेतृत्व में स्टार्टअप को बढावा देने के लिए उल्लेखनीय कार्य किये हैं।

इन्हीं सब प्रयासों के चलते आज भारत तीसरे सबसे बड़ा स्टार्ट-अप केंद्र के रुप में विश्व उभर रहा है। भारत के सूचना प्रौद्योगिकी तथा बीपीओ के व्यापारिक संघ, नैसकॉम ने इसी संबध में रमेश अभिषेक के साथ मिलकर स्टार्टअप इको-सिस्टम को और सशक्त बनाने तथा उनकी परेशानियों को समझने के लिए एक  ट्विटर इंटरफेस को शुरू किया जिसमें रमेश अभिषेक ने लाइव चैट के जरिये #TheStartupRevolution के तहत पूछे गए सवालों के जवाब दिए।

एमएसई सेक्टर के विकास के लिए कार्यरत और भारत के प्रमुख एसएमई डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म SMEpost.com ने इस चैट में हिस्सा लिया और स्टार्टअप इंडिया पहल से जुड़े कई सवाल-जवाब किए। पेश हैं वार्तालाव के कुछ अंश-

Q: स्टार्टअप इंडिया को एक साल पुरे हो गए हैं इस अवसर पर आप इसकी सफलता को किस तरह से आंकते हैं?

A: हम लगातार अपने काम हो आँक रहें हैं। हमने कई नई पहलों को शुरू किया है और आगे भी और करते रहने की जरूरत है।

Q: स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत ज्यादातर स्टार्टअप सिर्फ शहरों से जुड़े हुए है। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले स्टार्टअपस की संख्या बहुत कम है। ऐसा क्यों?

A: स्टार्टअप इंडिया पहल सभी क्षेत्रों के लिए है। चाहे गाँव हो या शहर। और हम देस्ख रहें हैं की अब इस पहल में ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोगों ने रूचि लेना शुरू कर दिया है।

Q: क्या स्टार्टअप इंडिया की तरह से ही MSME सेक्टर के लिए भी भारत में कोई पहल शुरू की जा सकता है? या आपको लगता है कि स्टार्टअप इंडिया पहल से MSMEs को भी फायदा हुआ है?

A: MSME सेक्टर के लिए एक अलग मिनिस्ट्री काम कर रही है।

सरकार ने कई योजनाओं के तहत इस स्टार्टअप इको-सिस्टम को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। जिसके अनुसार पेटेंट सुविधा के लिए 300 केन्द्रों की स्थापना की गई। साथ ही पहले से प्राप्त 500 आवेदनों की जांच कर प्रयोगशालाओं की स्थापना और 100 नए इन्क्यूबेटरों की स्थापना को भी मंजूर किया गया है।

डीआईपीपी स्टार्टअप को फंड़ मुहैया कराने के लिए भी कई कदम उठा रहा है और इसको प्राथमिकता में रखा है। डीआईपीपी सेक्रेटरी रमेश अभिषेक ने आगे बताया कि सरकार की प्राथमिकता नए व्यापार के लिए आसानी से फंड़ प्रदान करना है।