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हुबली में बनेगा देश का सबसे बड़ा स्टार्टअप केंद्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्टार्ट अप योजना को कर्नाटक के हुबली से रफ्तार मिलेगी। सितंबर में धारवाड़ जिले के इस शहर में देश के सबसे बड़े स्टार्ट अप केंद्र के शुरू होने की उम्मीद है।

बेंगलुरु से करीब 400 किलोमीटर दूर इस शहर में यह केंद्र 82 हजार वर्ग फुट क्षेत्र में होगा। एकसाथ 1200 लोगों के बैठने और 200 स्टार्ट अप शुरू करने की क्षमता होगी।

अभी देश का सबसे बड़ा टेक्निकल हब तेलंगाना में 70 हजार वर्ग फुट क्षेत्र में है। यह जानकारी शनिवार को हुबली में देशपांडे फाउंडेशन द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम विकास संवाद के दौरान फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. देश देशपांडे ने दी।

डॉ. देशपांडे ने बताया कि इस केंद्र में 3डी प्रिंटिंग लैब, इंटरनेट लैब और मेकर्स लैब की सुविधा भी होगी। यहा मुख्य रूप से मैन्युफैक्च¨रग और कृषि जगत के तमाम पहलुओं पर फोकस करते हुए युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।

फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नवीन झा ने बताया कि अप्रैल में फाउंडेशन का सबसे बड़ा कौशल विकास केंद्र शुरू किया जाएगा। यहा हर साल 5000 युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। यह केंद्र रोजगार उत्सर्जन की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

पाच महीने का विशेष रेजिडेंशियल कोर्स भी चलाया जाएगा, जिसमें प्रबंधकीय, शिक्षण और सामाजिक उद्यमिता के गुर सिखाए जाएंगे।

क्या है देशपांडे फाउंडेशन

डॉ. देश देशपांडे ने अपनी निजी बचतों से 2008 में पत्नी जयश्री के साथ मिलकर हुबली में इस फाउंडेशन की शुरुआत की थी। मकसद था उन लोगों को आगे लाना जो समस्याएं नहीं बताते बल्कि समस्याओं के समाधान की दिशा में सोचते हैं।

पिछले दस साल में इस फाउंडेशन ने ऐसे हजारों युवा तैयार किए हैं, जो अपना सफल कारोबार चला रहे हैं और दूसरों के लिए मिसाल भी बन रहे हैं। यह फाउंडेशन सरकारी या गैर सरकारी मदद भी नहीं लेता। इसके विपरीत विभिन्न सरकारें ही फाउंडेशन को अपने साथ जोड़ना चाहती हैं।

वर्ष 2010 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने डॉ. देश देशपाडे को नेशनल एडवाइजरी काउंसिल ऑन इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप का सहअध्यक्ष बनाया था।

देशपांडे फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. देश देशपांडे का कहना है, “देश में ऐसे युवा बड़ी संख्या में हैं, जो पढ़े-लिखे हैं और काम भी करना चाहते हैं, लेकिन उनके लिए अवसर नहीं हैं। इसलिए इस तरह के स्टार्ट अप केंद्रों व कौशल विकास केंद्रों की काफी जरूरत है। सरकार और नौकरशाह भी अब इस दिशा में छोटे शहरों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। फाउंडेशन का एक और कौशल विकास केंद्र जल्द ही तेलंगाना सरकार की मदद से निजामाबाद में भी खोला जाएगा।”

कर्नाटक सरकार की प्रधान सचिव (आइटी) वी. मंजुला कहती हैं, “चाहे राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार, वे स्टार्ट अप और कौशल विकास केंद्रों के लिए फंड तो मुहैया करा सकती हैं, लेकिन विशेषज्ञता और मार्गदर्शन नहीं। इस दिशा में देशपाडे फाउंडेशन एक मिसाल है। हमें भी ऐसे सहयोगियों की जरूरत है।”

Source: Danik Jagran