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नोटबंदी की वजह से MUDRA लोन पर साल के अंत में पड़ा असर

छोटे कारोबारियों के आसानी से कर्ज प्राप्त करने के लिए शुरू की गई योजना माइक्रो यूनिट्स डिवेलपमेंट ऐंड रिफाइनैंस एजेंसी (MUDRA) पर नोटबंदी का  बुरा प्रभाव पड़ा है।

मुद्रा के सीईओ जीजी मेमन ने कहा, “हमने 1 अप्रैल से लेकर 31 दिसंबर 2016 तक हमने 80,000 करोड़ रुपये तक का कर्ज योजना के तहत वितरित किया है। लेकिन साल के अंतिम दो महीनों में नकदी की कमी और एक्सचेंज की वजह से इसमें थोड़ी कमी आयी, वर्ना हम और ज्यादा कर्ज वितरित कर सकते थे।”

उद्योग संगठन एसोचैम के आनलाइन पोर्टल माईलोनएसोचैम डॉट कॉम के उद्घाटन के मौके पर जीजी ने कहा कि पिछले दो महीनों में नोटबंदी के कारण कर्ज देने में कमी हुयी है। नोटबंदी नहीं हुयी होती तो हम अधिक वर्तमान आंकड़ो से अधिक कर्ज दे पाते।

जिजी ने बताया कि एसोचैम द्वारा शुरू किए गए ऑनलाइन पोर्टल से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों को कर्ज प्राप्त करने की ऑनलाइन सुविधा मिलेगी। समारोह में पूछे गए एक सवाल के जबाव में जीजी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि हम चालू वित्त वर्ष में 1.8 लाख करोड़ रुपये के अपने वितरण लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे। उन्होंने कहा कि अंतिम तिमाही में ऋण मंजूरी आमतौर पर अच्छी रही है।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 5,000 करोड़ रुपये के कार्पस फंड (प्रारंभिक पूंजी) के साथ मुद्रा एजेंसी को स्थापित किया गया था जिसका। योजना के जरिए छोटे एवं लघु उद्यमियों को तीन श्रेणियों में कर्ज मिलता है। पहली श्रेणी ‘शिशु’ के अंतर्गत  50,000 रुपये तक कर्ज उपलब्ध मिलता है वहीं ‘किशोर’ श्रेणी में यह कर्ज 50,000 रुपये से पांच लाख रुपये और फिर ‘तरुण’ श्रेणी में पांच लाख से दस लाख रुपये तक है।