इस कर्ज के रूप में दी गयी राशि में से 6501 करोड़ रुपये उद्यमियों को माइक्रो डेवलपमेंट एंड रेफीनेंस एजेंसी (मुद्रा योजना) और प्रधानमंत्री मुद्रा लोन बैंक योजना (पीएमएमवाईए) के तहत दिये गए है। बैंको द्वारा 1147 एप्लीकेशन्स पीएमईजीपी योजना के अंतर्गत मंजूर किये गए हैं। जिसकी लागत 24.76 करोड़ रुपये है।
उड़ीसा के एमएसएमई मंत्री जोगेंद्र बेहरा ने सभी बैंकों से कहा कि वे एमएसएमई क्षेत्र के लिए क्रेडिट प्रवाह को आसान बनाए रखे, क्योंकि यह आर्थिक विकास और राज्य में रोजगार सृजन के लिए महत्वपूर्ण है।
एमएसएमई विभाग के सचिव एल.एन.गुप्ता ने पीएमईजीपी के तहत बैंकों के खराब प्रदर्शन पर नाराजगी व्यक्त की। गुप्ता ने बैंकों के प्रतिनिधियों को सलाह दी कि वह मंजूरी के सभी मामलों में 100 प्रतिशत सहायता का वितरण सुनिश्चित करें।
गुप्ता ने बैंकों को सलाह दी कि वह एमएसएमई उद्यमियों को कोलेट्रल सिक्यूरिटी (लोन के लिए गारंटी) के लिए दबाव न बनायें। क्योंकि माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट के तहत 2 करोड़ तक के ऋण को मंजूर किया गया है।