उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि तीन साल में बेरोजगारी की ग्रोथ में हुयी बढ़ोत्तरी के दावे गलत हैं। मिश्र सरकार के 3 साल पुरे होने पर नेशनल मीडिया सेंटर, दिल्ली में पत्रकारों से बात कर रहे थे।
मिश्र ने बताया कि एमएसएमई मंत्रालय ने विभिन्न लाभकारी योजनाओं के तहत रोजगार पैदा किया है।
उन्होंने कहा कि इसमें कोई दोहराय नहीं है कि शुरुआती सफर में नौकरियों के उत्पन्न होने का स्तर कम था। लेकिन बाद में इसे सही किया जा चुका है। एमएसएमई सेक्टर में जीएसटी की भूमिका पर उन्होंने कहा कि यदि समस्याएं हैं, तो सरकार उन पर विचार करेगी।
वर्तमान में छोटे और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए उत्पाद शुल्क में छूट की सीमा 1.5 करोड़ रुपये है। हालांकि जीएसटी परिषद ने भारत के बाकी हिस्सों (पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों में कारोबार को छोड़कर) में 20 लाख रुपये वार्षिक टर्नओवर तक की सीमा टैक्स छूट के लिए तय की है।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि देश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए जल्द ही एक व्यापक नीति तैयार की जाएगी। जिससे इस सेक्टर का विकास हो।
उन्होंने कहा कि प्रभात कुमार कमेटी द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में कुछ संशोधनों को करने के बाद पॉलिसी का अनावरण किया जाएगा। देश के पास अभी तक एमएसएमई नीति नहीं है।
गौरतलब है कि SMEpost.com ने पिछले साल जनवरी में सबसे पहले ये बताया था कि सरकार ने राष्ट्रीय एमएसएमई नीति बनाने के लिए प्रभात कुमार कमेटी का गठन किया है और कुमार ने इस साल के शुरू में सरकार को राष्ट्रीय एमएसएमई नीति तैयार करने पर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।