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छोटे उद्योगों के माध्यम से विकसित हो सकता है अरुणाचल प्रदेश: साध्वी निरंजन ज्योति

केंद्रीय राज्य खाद्य प्रसंस्करण मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा है कि अरुणाचल प्रदेश को सूक्ष्म और लघु  उद्योगों के माध्यम से विकसित किया जा सकता है।

इंडियन चैम्बर आफ कॅामर्स (आईसीसी) और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किए गए “अरुणाचल प्रदेश फूड़ प्रोग्राम” में साध्वी ने कहा है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र सरकार विशेष ध्यान दे रही है।

उन्होने कहा कि पूर्वोत्तर के विकास के बिना भाररत का विकास नहीं हो सकता है। मिनिस्ट्री आफ डेवलपमेंट आफ नार्थ-ईस्टटर्न रीजन (DoNER) राज्य के विकास के लिए बनाए गए मुद्दों पर काम कर रही है।

राज्य मंत्री ने बताया कि फूड़ प्रोसेसिंग इंड़स्ट्री का राष्ट्रीय ग्रोथ में 13 प्रतिशत का योगदान है। अरुणाचल प्रदेश की कृषि और बागवानी इंडस्ट्री में भी विकास की बहुत संभावनाएं हैं।

साध्वी ने कहा, “हालंकि राज्य उद्योगों के बुनियादी स्तर काफी कमजोर है लेकिन अरुणाचल प्रदेश को छोटे-छोटे उद्योगों के माध्यम से विकसित किया जा सकता है। स्थानीय स्तर पर मौजूद फलों की श्रंखला खासतौर पर किवी (Kiwi) की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह गुणवत्ता और स्वाद के मामले में जर्मनी और न्यूजीलैंड़ की तुलना में काफी बेहतर है। खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से पूरे देश को विकसित किया जा सकता है.”

इसके साथ ही मंत्री ने कहा कि उत्तर-पूर्व (NorthEast) में चार मेगा फूड़ पार्क स्थापित किये जा रहे है। जिससे इस क्षेत्र को बढ़ाने के साथ साथ रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही उन्होनें आश्वासन दिया कि उनका मंत्रालय सेक्टर के विकास में अपना पूर्ण योगदान देगा।

इस अवसर पर मौजूद अरुणाचल प्रदेश के उद्योग मंत्री तामियो तागा ने कहा, “खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का सामाजिक-आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के लिए भारी महत्व है।”

“फूड़ प्रोसेसिंग इंडस्ट्री, कृषि, बागवानी और अन्य खाद्य पदार्थो के लिए महत्व को बढ़ा देती है। जिससे कि खाद्य उत्पादों की बर्बादी कम होती है।”

राज्य में कृषि क्षेत्र के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य की 94 प्रतिशत आबादी अपनी जीविका कमाने के लिए कृषि पर निर्भर है।