असम के एड़मिनिस्ट्रेटिव स्टॅाफ कॉलेज में पहली बार ग्रीन गोल्ड बंबू सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए श्री सोनेवाल ने गुवाहाटी को दक्षिण पूर्व एशिया के व्यापार केंद्र के रूप में विकसित करने की असम सरकार की योजना पर बल दिया। और कहा कि बांस उद्योग क्षेत्र इस लक्ष्य को हासिल करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है।
उन्होंने कहा कि हम उद्यमियों को घरेलू वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो बांस और अन्य क्षेत्रों में यहां निवेश करने के लिए आते हैं। मेरा मानना है कि बांस उद्योग विकसित होने से समाज के गरीब वर्गों को सबसे ज्यादा लाभ होगा। इसके साथ ही राज्य के रोजगार को नयी दिशा मिलेगी। बांस असम के जीवन का सबसे आवश्यक घटक है। और राज्य की सामाजिक और सांस्कृतिक प्रणाली का एक अभिन्न अंग है। हमारा जुड़ाव बांस के साथ बचपन से है। फिर भी हमको इस बात का एहसास अबतक नहीं हुआ है कि हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने के लिए बांस कितना अहम है।
असम औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (एआईडीसी) ने एनजीओ केयर लुइट और ग्रीन गोल्ड बंबू डॉट कॉम के साथ मिलकर सम्मेलन का आयोजन किया। SMEpost.com इस सम्मलेन का अधिकारिक मीडिया पार्टनर था।
शिखर सम्मेलन के पार्टनर देश ताईवान के प्रतिनिधिमंडल सहित उद्यमियों, वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं और डिजाइनरों की विस्तृत भागीदारी इस समारोह में रही।
बांस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार की गंभीर मंशा को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि असम में जल्द ही भारत की पहली जैव ईंधन रिफाइनरी होगी, जिसका गठन नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) में होगा, जिसमें बांस कच्चे माल के रुप में प्रयोग किया जाएगा। 950 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाले इस प्रोजेक्ट से बड़े स्तर पर बांस उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। और राज्य के उद्यम आगे बढ़ेंगे। राज्य में बांस की खेती पैमाने पर होने से राज्य की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा। यह असम की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक सफल युग का आरंभ होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार निवेशकों को बांस सेक्टर में सभी सुविधाएं मुहैया कराएगी ताकि वे अपने व्यवसाय की गतिविधियों को सुचारू रूप से कर सकें। उन्होंने बांस के विभिन्न संभावित उपयोगों पर बल दिया जो पूर्वोत्तर भारत की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। उन्होंने बताया कि संयंत्र की संरचनात्मक ताकत ने इसे भूकंप के दौरान एक आदर्श निर्माण सामग्री बना दिया।
उन्होंने कहा कि हम असम के लोग बांस से प्यार करते हैं यह असम के धन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हमारे राज्य में इसकी 26 किस्म हैं। असम सरकार बांस की खेती और विपणन में किसी भी गतिविधि का समर्थन करेगी, खासकर जब हम पर्यावरण को परेशान किए बिना राज्य के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।
तायपेई इकनोमिक और कल्चर सेंटर से समिट में प्रतिभागी चुंग क्वांग तिएन ने सम्मलेन में कहा कि ताइवान असम के बम्बू सेक्टर में इन्वेस्ट करने को इच्छुक है और असम सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहता है।
शिखर सम्मेलन में एआईडीसी के अध्यक्ष मिशन रंजन दास भी उपस्थित, जिन्होंने बांस उत्पादको का बड़ा निर्यातक बनने के असम के लक्ष्य पर जोर दिया।
आयोजन में असम सरकार के मुख्य सचिव श्री वी के पीपरसनिया ने कहा था कि राज्य उद्योग विभाग बंबू सेक्टर में 100 से अधिक उद्योगों की स्थापना करेगा।
असम सरकार के अतिरिक्त सचिव रवि कपूर ने आये हुए अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि सरकार के उद्योग विभाग का वन विंडो सिस्टम निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बेहद मददगार होगा।