चीनी मीडिया ने भारत की जीडीपी को मिले इस झटके लिए नोटबंदी जैसे आर्थिक सुधार के कदमों को जिम्मेदार ठहराया है।
मार्च 2017 में समाप्त चौथी तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दर घटकर 6.1 फीसदी रही जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह सात फीसदी थी। सीएसओ के ताजे आंकड़ों को ही ग्लोबल टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट में तंज का आधार बनाया गया है।
रिपोर्ट में लिखा है, ‘ऐसा लगता है कि हाथी बनाम ड्रैगन रेस में भारत को झटका लगा है। इसकी (भारत की) इकॉनमी में आई अप्रत्याशित गिरावट ने पहली तिमाही में फिर से चीन को सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना दिया है।’
गौरतलब है कि भारत ने चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का तमगा अपने नाम कर लिया था। यही वजह है कि भारत की जीडीपी को मिले झटके से चीन का सरकारी मीडिया एक तरह से खुशी जाहिर कर रहा है।
रिपोर्ट में आगे लिखा गया है कि ऐसी स्थिति में भारत सरकार को नवंबर जैसे (नोटबंदी) आर्थिक सुधार कार्यक्रमों के निर्णयों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। इतना ही नहीं चीनी मीडिया में छपे इस लेख में लगे हाथों सलाह भी दे दी गई है कि भारत जैसे संघीय, बहुदलीय व्यवस्था वाले मुल्क में ऐसे शॉक ट्रीटमेंट (नोटबंदी जैसे) से बचना चाहिए।
Source: Economic Times