बीएसई एसएमई हेड अजय ठाकुर ने समारोह में आईआईए के प्रतिनिधियों से बातचीत की और कहा कि एसएमई को सही रुप में विकास और विस्तार प्राप्त करने के लिए बीएसई के एसएमई मंच पर सूचीबद्ध (लिस्टेड) होना चाहिए। उन्होंने लिस्टेड होने की योग्यता और किस तरह लिस्ट होना है, इस पर विस्तार से बात की।
ठाकुर ने कार्यक्रम में मौजूद उद्यमियों को समझाते हुए बताया कि किस प्रकार से बीएसई के एसएमई प्लेटफॅार्म पर पंजीकृत होकर इक्विटी के माध्यम से व्यापार के लिए फंड़ को जुटाया जा सकता है।
कोई भी एसएमई कंपनी जिसका टर्नओवर 5 करोड़ से ज्यादा है और वो पिछले 3 साल से लगातार लाभ में है, सूचीबद्ध होने के लिए आवेदन कर सकती है। बीएसई के एसएमई प्लेटफार्म पर अब तक 177 कम्पनियां रजिस्टर हो चुकी हैं। बीएसई का कहना है की जून के अंत तक इसकी संख्या 200 तक ले जायेंगे।
विधायक पंकज सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि वह शहर के एसएमई उद्योग जगत को मजबूत करने की दिशा में काम करेंगे। उन्होंने उद्योगपतियों को आश्वासन दिलाया कि नोएडा को डिजिटल और नकद रहित अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे व्यापार करने में छोटे कारोबारियों को आसानी होगी।
अपनी पहली प्राथमिकता में सिंह ने बताया कि वो भ्रष्टाचार को ख़त्म करने के लिए सबसे पहले काम करेंगे। क्योंकि भष्टाचार ही नोएडा की हर समस्या की जड़ है।
आयोजन को बेहद सफल बताते हुए आईआईए नोएडा के चेयरमैन राजीव बंसल ने कहा कि आईआईए, एसएमई के डिजटलीकरण को बढ़ावा दे रही है। बंसल ने उत्तर प्रदेश सरकार की नयी उद्योग नीति बनाने के फैसले की सराहना की तथा आईआईए की तरफ से एसएमई की समस्याओं को लेकर एक ज्ञापन भी सरकार के प्रतिनिध पंकज सिंह को दिया।
नोएडा में इस समय लगभग 9000 SMEs कार्यरत हैं। जिनकी प्रमुख समस्याएं पॉवर, ट्रैफिक, पार्किंग आदि हैं।
सिडबी के जनरल मैनेजर एस पी सिंह ने उद्यमियों को बताया कि सिडबी भारत का पहला बैंक है जिसने एसएमई इकाइयों को 10,000 करोड़ का लोन दिया है।
समारोह में IDFC और SIDBI बैंक के प्रतिनिधियों ने भी उद्यमियों को फण्ड प्राप्त करने के नए रास्ते और उनमें बैंकों की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। समारोह में कई गणमान्य व्यक्तियों को उनके योगदान के लिए सम्मानित भी किया गया।
1985 में स्थापित इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन (आईआईए) MSMEs की एक प्रमुख संस्था है जिसमें करीब 6500 MSME इकाइयाँ रजिस्टर हैं।