इस दिशा में केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने सोमवार को असम वन विभाग के साथ मिलकर असम में एक नया ट्रेनिंग और उत्पादक सेंटर का उद्घाटन किया।
केवीआईसी ने काजीरंगा वन क्षेत्र के कार्बी-एंग्लोंग जिले के सिलीमखोवा गांव के करीगरों को 25 चरखे, पांच करघे और अन्य सामान दिए। ताकि खादी के साथ साथ इन करीगरों को भी बढ़ावा मिल सके।
उद्घाटन समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सक्सेना ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि असम में पहली बार 10 स्पिंडल चरखा की सहायता से कॉटन खादी को बनाया जाएगा।
परियोजना के लिए चयनित 80 महिलाओं में से 35 को प्रशिक्षण दिया गया है। स्थापित इकाई से क्षेत्र के लगभग 50 ग्रामीण परिवारों को रोजगार मिलेगा।
सक्सेना ने कहा कि खादी ग्रामोद्योग आयोग की गतिविधियों ने असम के लगभग सभी जिलों में अच्छी रोजगार क्षमता को रेखांकित किया है। हम प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगें। और उन्हें रचनात्मक कार्यों में लगाएगें। उचित मानसिक, शारीरिक और सामाजिक भागीदारी के साथ- हम ना केवल आजीविका को बढाएंगे, बल्कि लुप्तप्राय जीवों और वनस्पतियों की प्रजातियों को बचाने के लिए लोगों को शिक्षित भी करेंगे।