यह मजदूरी पहले प्रत्येक लच्छी 5.50 रुपये थी जिसे अब नए वित्तीय-वर्ष के लिए प्रति लच्छी 7 रुपये कर दिया गया है।
केवीआईसी चेयरमेन विनय कुमार सक्सेना ने कहा, “सामान्य स्तर पर मजदूरी में वृद्धि खादी कारीगरों को एक स्थायी जीवन देने के उद्देशय से की गयी है। नई दरों को 1 अप्रैल, 2017 से लागू किया जाएगा।”
सक्सेना ने कहा कि केवीआईसी देश में खादी उत्पादन को बढ़ाने के लिए तत्काल आवश्यकता है। प्रधानमंत्री मोदी के विज़न को पूरा करने के लिए आने वाले दो सालों में प्रोडेक्शन को मौजूदा लेवल 1065 करोड़ से 5,000 करोड़ रुपये तक बढ़ानें की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि केवीआईसी ने “खादी फोकस” नाम से एक प्रोग्राम को आयोजित करने की तैयारी की है जो अभी मंत्रालय में विचाराधीन है। इसके साथ ही हम खादी संस्थानों को पुनर्जीवित कर रहे है जो कि देश में खादी के उत्पादन को बढ़ाने के तरीकों में से एक है।