एमओयू को पुणे क्षेत्र की एमएसएमई जो MCCIA की सदस्य हैं के लिए लक्षित किया गया है।
MCCIA के अनुसार पुणे और उसके आसपास के क्षेत्र की 1600 एमएसएमई उसकी सदस्य हैं और उन्हें लोन उपलब्ध कराया जायेगा।
सिड़बी की सालाना रिपोर्ट के अनुसार एमएसएमई को लोन प्राप्त करने में अनेक समस्याओं का सामाना करना पड़ता है। जबकि यह देश में रोजगार पैदा करने वाले सबसे बड़े सेक्टर्स में से एक है। लेकिन देश की 5.1 करोड़ एमएसएमई में से केवल 7.3 फीसदी इकाइयां ॠण का लाभ प्राप्त कर पाती हैं।
सिड़बी ने कहा है कि MSMEs पर ऋण का लाभ लेने के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है। लेकिन केवल वही यूनिट्स लोन के लिए योग्य होंगी जिन्होंने पिछले दो सालों में अच्छा प्रदर्शन किया है और आगामी तीन सालों में इसको कायम रखेंगी।