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Startup India: केवल 114 करोड़ के फंड हुए मंजूर, 208 में से 10 कंपनि‍यों को मि‍ली टैक्स‍ छूट

स्‍टार्टअप इंडि‍या प्रोग्राम को एक साल से ज्‍यादा हो गए हैं लेकि‍न अब भी सरकार की ओर से कंपनि‍यों को फंड नहीं मि‍ल पाया है।

केंद्र सरकार ने स्‍टार्टअप्‍स के लि‍ए 10 हजार रुपए का फंड ऑफ फंड्स (एफएफएस) बनाया है। लेकि‍न इसका फायदा अभी तक स्‍टार्टअप्‍स को मि‍लना बाकी है। इसमें से केवल 114 करोड़ रुपए का ही फंड ही मि‍ल पाया है।

एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि‍ सरकार ने जि‍स तरह के नि‍यम बनाए हैं उससे फंड असल जगह पर पहुंच नहीं पा रहा है।

अब तक 114 करोड़ रुपए की मंजूरी    

सरकार की स्‍टार्टअप्‍स इंडि‍या रि‍पोर्ट के मुताबि‍क, सि‍डबी को फाइनेंशि‍यल ईयर 2015-16 में 500 करोड़ रुपए दि‍ए गए थे। इस रकम में से सि‍डबी की ओर अब तक केवल 114 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। इस रकम को 5 वेंचर फंड्स को दि‍या जाना है।

केवल 10 स्‍टार्टअप्‍स को टैक्‍स छूट की मंजूरी  

स्‍टार्टअप इंडि‍या रि‍पोर्ट में कहा गया है कि‍ 2408 एप्‍लीकेशंस हासि‍ल हुई हैं जि‍समें से 742 को डॉक्‍युमेंट की जरूरत है और उनको डीआईपीपी द्वारा स्‍टार्टअप्‍स के तौर पर पहचान मि‍ली है। बाकी आवेदकों को स्‍टार्टअप इंडि‍या हब से स्‍पोर्ट और गाइडेंस उपलब्‍ध कराई जाएगी।

टोटल मि‍ली एप्‍लीकेशंस में से 208 आवेदकों को टैक्‍स बेनेफि‍ट्स के लि‍ए छांटा गया क्‍योंकि‍ यही स्‍टार्टअप्‍स 1 अप्रैल 2016 के बाद शुरू हुई हैं। वहीं, आईएमबी की ओर से 10 स्‍टार्टअप्‍स को टैक्‍स बेनेफि‍ट का फायदा उठाने की मंजूरी दी गई है।

नि‍यमों में उलझे इन्‍वेस्‍टर्स  

इंडि‍यन एंजेल नेटवर्क के चेयरमैन सौरभ श्रीवास्‍तव ने बताया कि‍ सि‍डबी को कुछ पैसे की मंजूरी दी गई है लेकि‍न इस अकाउंट को वि‍द्ड्रा नहीं कि‍या गया है। इसके पीछ सख्‍त नि‍यम हैं। सि‍डबी की ओर से केवल 15 फीसदी पैसा दि‍या जाता है जबकि‍ 85 फीसदी पैसा वेंचर कैपि‍टल (वीसी) को देना पड़ता है। ऐसे में वीसी को इस तरह के पैसे जुटाने में मुश्‍कि‍लों का सामना करना पड़ रहा है।

उन्‍होंने बताया कि‍ दूसरी सबसे बड़ी दि‍क्‍कत यह है कि‍ सरकार ने वीसी को केवल शुरुआती स्‍टेज वाले स्‍टार्टअप्‍स को फंड देने के लि‍ए कहा है। इससे उनका इन्‍वेस्‍टमेंट ऑप्‍शन कम हो गया है। ऐसे में वह सरकार के ऑफर को ही नजरअंदाज कर रहे हैं।

सरकार ने बनाया था फंड ऑफ फंड्स  

सरकार की ओर से स्‍टार्टअप्‍स के लि‍ए 10 हजार करोड़ रुपए का ‘फंड ऑफ फंड्स’ बनाया था जि‍से सि‍डबी मैनेज कर रहा है। यह फंड सेबी रजि‍स्‍टर्ड वीसी फंड्स में इन्‍वेस्‍ट करेगा जो भी बाद में स्‍टार्टअप्‍स में इन्‍वेस्‍ट करेगा। हालांकि‍, इस मेगा फंड का फायदा लोगों तक पहुंच ही नहीं पाया है।

टैक्‍स बेनेफि‍ट का फायदा  

सरकार ने बजट 2017-18 में कहा कि‍ स्‍टार्टअप्‍स अब पहले 7 साल के कारोबारी ऑपरेशन में से तीन साल तक टैक्‍स छूट का फायदा उठा सकते हैं। इससे पहले यह समय सीमा 5 साल में से 3 साल की थी। ऐसे कारोबारि‍यों को अपने वेंचर को प्रॉफि‍ट में आने के लि‍ए ज्‍यादा वक्‍त दि‍या गया है। इसका दूसरा फायदा कारोबारि‍यों की कॉस्‍ट में बचत का है। जो पैसा वह टैक्‍स देने में बचाएंगे वह उस पैसा का इस्‍तेमाल अपनी कंपनी को बढ़ाने में लगा सकते हैं।

इनको कहा जाता है स्‍टार्टअप्‍स  

सरकार ने स्‍टार्टअप पॉलि‍सी के तहत कहा था कि‍ केवल उन कंपनि‍यों को स्‍टार्टअप माना जाएगा जि‍नको बि‍जनेस करते हुए 5 साल से ज्‍यादा नहीं हुए हों, कंपनी 1 अप्रैल 2016 के बाद बनी हो, उसका सालाना टर्नओवर 25 करोड़ रुपए से ज्‍यादा न हो। वह इनोवेनशन, डेवलपमेंट, नए प्रोडक्‍ट को कमर्शि‍यल करने आदि‍ करने में शामि‍ल हो। ऐसी कंपनि‍यों को टैक्‍स बेनेफि‍ट्स मि‍ल सकते हैं।

Source: MoneyBhaskar