SMEpost

Women’sDay Special | कहानी उन महिलाओं की जिन्होंने न सिर्फ बिज़नस खड़ा किया बल्कि नए मापदंड भी बनाये

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आई एक रिपोर्ट के अनुसार जहाँ भारत महिला उद्यमियों की संख्या के मामले में निचले स्थान पर है वहीँ कई महिलाएं ऐसी हैं जिन्होंने हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा की पताका लहराई है।

जिंदगी के उतार-चढ़ाव भरे रास्तों से होते हुए उन्होंने जंग जीती और अपना झंडा बुलंद किया।

इनमें से कई तो ऐसी हैं जिन्होंने पुरुषों के वर्चस्व वाले बिज़नस में हाँथ आजमाया और सफल रहीं।

#SMEpost पेश कर रहा है ऐसी ही कुछ महिलाओं की सफ़लता की दास्ताँ-

Yatra.com (यात्रा.कॉम)

यात्रा डॅाट कॅाम की संस्थापक सबीना चोपड़ा जिन्होंने दुनिया को यह परिभाषा दी कि महिलाऐं जिस क्षेत्र में कदम रखती है उसको अपनी पहचान देती हैं।

सबीना ने 1 अगस्त 2006 में इस आनलाइन ट्रेवल एजेंसी की शुरुआत एक छोटे से कदम के साथ की जिसे वर्ष 2012 में भारत की दूसरी सबसे बड़ी आनलाइन ट्रेवल एजेंसी का दर्जा अपने नाम किया।

यात्रा.कॉम अमेरिकन स्टॉक एक्सचेंज नास्डाक (NASDAQ) में सूचीबद्ध होने वाली 12वीं भारतीय कंपनी है। एक सर्वे के तहत यात्रा.कॉम का सबसे भरोसेमंद ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसी के रूप में मूल्यांकन भी किया गया है। आज हर कोई यात्रा डॅाट कोम को जानता है जिसका आधार इसकी चेयरमेन सबीना चोपड़ा हैं।

JetSetGo (जेटसेटगो) 

कनिका टेकरीवाल एक ऐसा उदाहरण है, जिन्होंने अपनी मेहनत से यह साबित कर दिया है कि कोई भी सपना आपसे बड़ा नहीं होता है। JetSetGo की चेयरमैन कनिका टेकरीवाल वो शख्स हैं जिसने ना केवल कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को मात दी बल्कि जिंदगी जीने के ऩए आयाम भी दुनिया को दिये। 

सिर्फ 17 साल की उम्र में एविएशन इंडस्ट्री में काम शुरू करने वाली कनिका ने बहुत कम समय में एक अलग तरह के क्षेत्र में वो मुकाम पा लिया है जो बहुत कम लोग पाते हैं।

उनकी कम्पनी JetSetGo पर भारतीय चार्टर ग्राहक अपनी पसंद व आराम के अनुसार वेब और मोबाइल दोनों प्लेटफार्मों पर एक निजी जेट को ऑनलाइन बुक कर सकते हैं।

हज़ार परेशानियों के बाद भी सकारात्मक उर्जा के साथ किस प्रकार जिया जाता है और सफ़लता हासिल की जाती है, यह कनिका से हम सब सीख सकतें हैं।

CashKaro (कैशकरो) 

अगर आप शॉपिंग करना पसंद करते हैं तो आपको डिस्काउंट और कूपन की भी हमेशा तलाश रहती होगी! अधिकतर महिलाओं की तो पसंदीदा हॉबी ही शॉपिंग करना होती है।

शायद इसी शॉपिंग के जुनून ने स्वाति भार्गव को CashKaro वेबसाइट बनाने की प्रेरणा दी। 2013 में शुरू हुई यह वेबसाइट लगभग 1500 से ज्यादा रिटेल स्टोर्स के साथ भागीदारी करके कूपन और डिस्काउंट दे रही है। और अब तक लगभग 35 करोड़ रूपये कैश बैक दे चुकी है।

अम्बाला जैसे छोटे शहर से आकर सिंगापुर में पढ़ाई करके और फिर लन्दन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से ग्रेजुएशन करने के बाद इन्वेस्टमेंट बैंकर के रूप में अपना कैरियर शुरू करने वाली स्वाति ने अपने पति के साथ मिलकर अपने बिज़नस को लन्दन में ही शुरू किया था।

कई कठिनाइयों से लड़ते हुए स्वाति ने अपने बिज़नस को नए मुकाम पर पंहुचाया है। 10 लाख से ज्यादा यूजर बेस और लगभग 1000 करोड़ रूपये की इन्वेस्टमेंट पाने के साथ ही स्वाति ने सफ़लता के उस हर मापदंड को पाया है जो कि कोई भी उद्यमी सोंचता है।

Masterstrokes Advertising (मास्टरस्ट्रोक एडवरटाइजिंग) 

अपनी हर मंजिल को अपनी जिद बनाकर पाने वाली महिलाओं में अब एक ओर नाम जुड़ गया है सुप्रिया साबू का। सुप्रिया मास्टर स्ट्रोक एडवरटाइजिंग नाम की एक सफल ऐड़ एजेंसी की निर्माती और पहचान हैं।

मात्र 5 हजार रुपये के साथ 2009 में अपना खुद का स्टार्टअप शुरु करने निकली सुप्रिया का स्टार्टअप आज 50 करोड़ रुपये का हो गया है।

सुप्रिया स्टार्टअप के जरिए वेब डिजाइनिंग, ग्राफिक, मार्केटिंग और कॉरपोरेट प्रेजेंटेशन का काम करती हैं।

सुप्रिया को पैसों की तंगी की वजह से कई बार बिज़नस में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लेकिन  अंततः जीत उन्हीं की हुई और सुप्रिया ने अपनी सफलता से अनेक ऊचाईयों को पाया।

Soumya Foods (सौम्य फूड्स)

आम तौर पर खेती को पुरुषों के वर्चस्व वाला कार्य माना जाता है। हालाँकि भारत की कई जगहों पर महिलायें बढ-चढ कर कृषि में हिस्सा लेती हैं लेकिन ज्यादातर पुरुष ही इसमें कार्य करते हैं।

लेकिन अगर आपसे कहा जाये कि एक लड़की ने छोटे से कमरे से खेती को शुरू करके लाखों कमाए और अन्य लोगों को भी सपना दिखाया कि वो भी खेती से एक आम नौकरी से भी ज्यादा पैसे कमा सकते हैं। तो शायद आपको विश्वास नहीं होगा लेकिन ये सच कर दिखाया है उत्तराखंड की दिव्या रावत ने।

दिव्या ने एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा से पढ़ाई से करने के बाद, कुछ अलग करने की चाहत में अपने शहर देहरादून आकर एक छोटे से कमरे से मशरूम उत्पादन का कारोबार शुरू किया। धीरे-धीरे काम बढ़ता गया और आज दिव्या की कम्पनी का टर्न ओवर करोड़ो में है। आज दिव्या विदेशों में भी एक्सपोर्ट करती हैं। उन्हें स्थानीय लोग अब ‘मशरूम लेडी’ के नाम से बुलाते हैं।

दिव्या कहती हैं कि कोई भी मात्र 10 हज़ार रूपये से मशरूम की खेती का व्यवसाय शुरू कर सकता है। दिव्या आज हर उस लड़की के लिए एक उम्मीद और प्रेरणा हैं जो अपने लिए और अपने लोगों के लिए कुछ करना चाहती है।

               “मुझे कम आंकने की गलती ना करना, क्योंकि मेरा आसमां परिंदों की उड़ान है…”