सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए इंजीनियर सुशील कुमार गुप्ता ने एमएसएमई को परिभाषित करते हुए कहा कि निरीक्षण के नाम पर श्रम विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा फैक्ट्री संचालकों का शोषण न किया जाये।
उन्होंने कहा कि इस विभागीय कार्यशैली से उद्यमियों के बीच सरकार को लेकर नकारात्मक संदेश पहुुंचता है।
महामंत्री लघु उद्योग भारती रवींद्र सिंह ने कहा कि हमारे इस संगठन की पूरे देश में लगभग 400 जनपदों व कई प्रांतों में इकाईयांं कार्यरत हैं तथा लखनऊ में इसकी 350 इकाईयां संचालित हैं। यूपी में लघु उद्योग भारती के 2000 सदस्य तथा 40 जिलों में इसकी इकाईयां कार्यरत हैं।
उन्होंने विशेषकर लखनऊ में औद्योगिक विकास के लिये प्रदेश की औद्योगिक नीतियों से संबंधित सुझाव विभागीय मंत्री के समक्ष रखें। उन्होंने कहा कि ग्राम शिल्प उद्योग सेल द्वारा लघु उद्योग भारती ग्रामीण क्षेत्र के शिल्पकारों व सूक्ष्म उद्यमियों की समस्याओं का समाधान किया जाता है।
अन्य संगठन कारोबारी प्रतिनिधियों ने लखनऊ के चिकन व जरदोजी कारीगरों के लिए आधुनिक डिजाइन व तकनीकी के मद्देनजर राजधानी में अनुसंधान केंद्र व उत्पादों के विपणन के लिये एकीकृत हाट बाजार की आवश्यक्ता पर बल दिया।
मंत्री ने सम्मेलन मे उपस्थित उद्यमियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रदेश का औद्योगिक विकास इस सरकार का मु य लक्ष्य है सरकार द्वारा इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। उद्यमियों की समस्याओं का हर हाल में उचित समाधान किया जायेगा।
सम्मेलन में लखनऊ के 150 से अधिक उद्यमियों ने भाग लिया। जिसमें मुख्य रूप से अशोक अग्रवाल, आनन्द सिंह, अजय अग्निहोत्री, अनुज तिवारी, केशव माथुर, मो नावेद, प्रशांत भाटिया, मनोज वर्मा व अवधेश वर्मा सहित अन्य उद्यमी शामिल हुए।
Source: Indiaemotions.com