कारोबारियों के मुताबिक चमड़ा इकाइयों को स्थानांतरित करने से देश के घरेलू चमड़़ा कारोबार को जबरदस्त झटका लगेगा, क्योंकि मौजूदा समय में इन इकाइयों के पास करीब 500 करोड़ रुपये के ऑर्डर हैं और इकाइयों के स्थानांतरित होने से समय पर ऑर्डर पूरा नहीं होने का डर सता रहा है। इस वजह से विदेशी खरीदार भी हालात के बारे में लगातार पूछताछ कर रहे हैं। इन इकाइयों से सीधे और परोक्ष रूप से जुड़े लोगों के समक्ष जीविका संकट खड़ा हो सकता है।
कानपुर में चमड़े का सालाना कारोबार करीब 10 से 12 हजार करोड़ रुपये है। इसके अलावा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से करीब 9-10 लाख लोग प्रभावित होंगे।
कारोबारियों का कहना है कि कानपुर का चमड़ा कारोबार पूरे देश में फैला हुआ है। यहां के बने उत्पादों की देश-दुनिया में खासी मांग है और काफी मात्रा में उत्पादों का निर्यात किया जाता है।
कानपुर, उन्नाव और बंथर में छोटी-बड़ी करीब 500 टेनरियां हैं, जिनसे प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से करीब 10 लाख लोग जुड़े हैं।
Source: Business Standard