कर्नाटक में पिछले साल अंतिम चार महीनों में रोजाना करीब 20 कंपनियों ने कर्नाटक स्टार्टअप सेल में खुद को रजिस्टर किया है।
साल 2013 में सिद्धरमैया के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार आने के वक़्त राज्य में 27 स्टार्टअप रजिस्टर थे। लेकिन दिसम्बर 2016 के अंत में इनकी संख्या 2,397 तक पहुच गई है।
साल 2013 में राज्य में एक स्टार्टअप के लिए मात्र एक नोड़ल अधिकारी था वही अब स्टार्टअप के लिए पूरी एक डेडिकेटेड मल्टी-सेक्टर सेल है, जो अगस्त 2016 से कार्य कर रही है।
राज्य में पर्यटन से लेकर स्वास्थ्य और ई-भुगतान से लेकर आईटी सेक्टर तक के कई सारे स्टार्टअप्स, सेल का साथ रजिस्टर हुए हैं।
सरकार का मानना है कि वह साल 2020 तक कम से कम 20,000 स्टार्टअप की मेजबानी के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेगी।
कर्नाटक स्टार्टअप्स के लिए एक डेडिकेटेड पॅालिसी बनाने वाला देश का पहला राज्य है। जिसका फोकस अब कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप को बढ़ावा देने की ओर है।
कई स्वतंत्र वैश्विक संगठनों ने दुनिया के शीर्ष स्टार्टअप स्थलों के बीच बेंगलुरू को प्रथम स्थान दिया है। अमेरिका स्थित इंक पत्रिका के अनुसार “भारत की सिलिकन वैली के रूप में प्रसिद्ध बेंगलुरू, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बिज़नस इनोवेशन को लेकर दूसरे स्थान पर है। यहाँ लगभग 5000 सक्रिय स्टार्टअप हैं। जिनका वेंचर कैपिटल निवेश लगभग 2.3 अरब डालर है।”
इस संख्या के बढ़ने का एक कारण बूस्टर-किट (`Booster-kit) भी है जिसके जरिए स्टार्टअप को धन सहित अन्य जरुरी सुविधाओं में मदद मिलती है।
इस नियम को पंजीकरण संख्या में बढ़ोत्तरी का मुख्य बिंदू माना जा सकता है। यह किट स्टार्टअप को वर्च्युल टेलीफोनी, इंटरनेट सर्विस, क्लाउड फैसिलिटी, पेमेंट गेटवे, पेमेंट फैसिलिटी, सॉफ्टवेर टूल और सदस्यता आदि प्राप्त करने में मदद करती है।
एक अधिकारी ने कहा, “हमने सेल सुविधाओं के लिए इंड़स्ट्री के कुछ बड़े नामों के साथ टाई-अप किया है। हमने क्लाउड कंप्यूटिंग सर्विस के लिए आईबीएम, अमेज़न, वेब सेवाओं और माइक्रोसॉफ्ट विज स्पार्क के साथ भी करार किया है। गेटवे सर्विस भुगतान के लिए बीएसएनएल, एयरटेल ,वोडाफोन के साथ टेलीफोनी और इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए भागीदार की हैं।”
उन्होंने आगे बताया, “हम इंक्यूवेसन फैसिलिटी (Incubation Centre) देने जा रहे हैं, और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस सहित कुछ अच्छे इंस्टीट्यूश्न के साथ भागेदारी करने की योजना भी बना रहे हैं।”
Image Courtesy: Business Mojos