खड़गे ने कहा कि राज्य के 4 इंक्यूबेटरों में लगभग 600-700 सीटें हैं। जिनमें से 20 प्रतिशत महिला उद्यमियों के लिए आरक्षित हैं, जो कि देश में प्रथम स्थान पर है।
उन्होंने कहा कि इसको सफल बनाने के महत्वपूर्ण कारकों में मल्टी सेक्टर स्टार्ट-अप पॉलिसी प्रमुख है। जिसने आइडिया टू प्रूफ ऑफ कॅान्सेप्ट के तहत अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अपनी अहम भूमिका निभायी है।
मंत्री ने कहा कि यही वो कारण है जिसकी वजह से कर्नाटक को भारत का सिलिकन वैली कहा जाता है। अपनी बहु-क्षेत्रीय अनुदान नीतियों के कारण कर्नाटक किसी भी भारतीय राज्य से सबसे ज्यादा संख्या में स्टार्टअप शुरु करने में सफल रहा है।
उन्होंने बताया कि अकेले पिछले 3 महीनों में हमने बायोटेक और आईटी में स्टार्टअप के लिए करीब 25-30 करोड़ रुपये का वित्त-पोषण किया है।
उन्होंने कहा कि हम उभरती हुई प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयासरत है।