हरियाणा का पहला टेक्सटाइल पार्क पानीपत के दीवाना में बनेगा। एक साथ 35 इंडस्ट्री लगने से 12000 युवाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा। वहीं, उद्यमियों को कई सुविधाएं एक साथ मिलेंगी।
इस पार्क के लिए केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता मिलेगी। सबसे बड़ी बात है कि इस पार्क के लिए केंद्र सरकार ने टेक्सटाइल पॉलिसी में संशोधन किया है।
उधर, इसी तर्ज पर हरियाणा सरकार भी जल्द टेक्सटाइल पॉलिसी ला सकती है। इसके बाद पानीपत में 100 से ज्यादा नई यूनिट लगने की उम्मीद है।
टेक्सटाइल पार्क ला रहे सुशील गुप्ता ने कहा कि रोजगार के लिहाज से पानीपत का भविष्य बेहतर है। यह पार्क दीवाना रेलवे फाटक पार 50 एकड़ में बनेगा। केंद्र सरकार की मदद से आलीशान ईको टेक्सटाइल प्रा.लि. यह प्रोजेक्ट लेकर रहा है।
मालिक सुशील ने बताया कि पार्क में टेक्सटाइल से जुड़ी इंडस्ट्री होंगी। इंफ्रास्ट्रक्चर पर 250 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके बाद पार्क में इंडस्ट्री लगाने में भी इतनी राशि लगेगी।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के कुछ नियम ऐसे हैं, जिसमें रियायत की जरूरत है। पार्क लगाने के लिए वर्तमान नियमों के तहत 31 करोड़ रुपए राज्य सरकार को देने होंगे। जबकि गुजरात अन्य राज्यों में यह बहुत कम है। राज्य सरकार से इसके लिए रियायत मांगी है।
हरियाणा सरकार ने इंडस्ट्री को चार ब्लॉक ( ए,बी, सी, डी) में बांटा है। दीवाना ब्लॉक में है। यहाँ इंडस्ट्री नहीं लगाई जा सकती। मगर केंद्र ने पॉलिसी में बदलाव कर टेक्सटाइल पार्क को सी ब्लॉक में डाल दिया, इसके बाद टेक्सटाइल पार्क बनाने का रास्ता साफ हो गया।
हरियाणा चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज (एचसीसीआई) के चेयरमैन प्रीतम सिंह सचदेवा ने कहा कि टेक्सटाइल पार्क बनाने के लिए सरकार आधा खर्चा देने जा रही है। इसलिए जिले में कम से कम 10 और टेक्सटाइल पार्क बनेंगे। मतलब कि 100 नई इंडस्ट्री और लगने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल पार्क में सारी सुविधाएं मिलेंगी। अगर सबकुछ सही रहा और योजना के तहत प्रोजेक्ट पर काम चला तो आने वाले समय में पानीपत में रोजगार बढ़ेंगे और इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा।
राज्य सरकार भी टेक्सटाइल पॉलिसी लेकर रही है। औद्योगिक एसोसिएशन से सलाह लेकर सरकार ने ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया है। यह ड्राफ्ट उद्यमियों को भेजा है, ताकि उसकी कमियां दूर की जा सके। इसमें उसने केंद्र से शर्त भी कम रखी है।
केंद्र की पॉलिसी के तहत टेक्सटाइल पार्क के लिए कम से कम 25 एकड़ जमीन हो, जिसमें 10 इंडस्ट्री चाहिए। राज्य ने कम कर इसे 10 एकड़ कर दिया है। उद्यमी 10 एकड़ में ही टेक्सटाइल पार्क बना सकते हैं। जहां 10 इंडस्ट्री लगाई जा सके।
उद्यमी यह सवाल पूछ सकते हैं कि टेक्सटाइल पार्क में सुविधा मिलेगी, इसकी क्या गारंटी है।
इस बारे में सचदेवा ने कहा कि केंद्रीय प्रोजेक्ट में केंद्र सरकार 40 फीसदी खर्च देगी और राज्य के प्रोजेक्ट में राज्य सरकार 50 फीसदी खर्च वहन करेगी। 20 से 40 करोड़ की सहायता में ही पार्क में सभी सुविधाएं उपलब्ध हो जाएंगी।
टेक्सटाइल पार्क में सभी सुविधाएं होंगी, इसलिए यहां आसानी से बायर को लाया जा सकता है। यहां पर प्रॉडक्ट की प्रदर्शनी की व्यवस्था होगी। केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त पार्क होगा, इसलिए इसके प्रोडक्ट का विश्वास भी दूसरे से अच्छा होगा। इस तरह आसानी से माल बेचने का वातावरण मिलेगा।
इंडस्ट्री लगाने के लिए आपको आसानी से सभी सरकारी अनुमति मिल जाएगी। चूंकि पार्क में अंदर ही लेबर कॉलोनी बनाई जाएगी, इसलिए आसानी से लेबर मिल जाएगी। सामान्य गोदाम होगा। पावर हाउस बनेगा, कॉमन बायलर, सीटीपी, ईटीपी सहित सभी सुविधाएं मिलेंगी।
Source: Dainik Bhaskar