अमेरिका के न्यू ऑरलियंस में 1 व 2 मई को आयोजित फास्टेस्ट ग्रोइंग टीच कांफ्रेंस में इसका चयन हुआ है। डॉक्टर, मरीज, लैब व मेडिकल स्टोर को एक साथ लाने वाला भारत का ये पहला एप है। इसकी शुरुआत 9 मई से कोटा की भीमगंजमंडी डिस्पेंसरी से होगी और 5 साल में 5 करोड़ मरीजों को इससे जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। इसे कोटा कोटा के 2 युवाओं श्रेयांश मेहता, निखिल बाहेती तथा उनके दोस्त सायदा धनावथ व मुदित जैन ने बनाया है।
श्रेयांश मेहता ने बताया कि कोलिसन एकेडमी की ओर से आयोजित इस कांफ्रेंस में दुनिया से 1 लाख से अधिक स्टार्टअप ने आवेदन किए थे। कंपनी द्वारा ग्रोथ पोटेंशियल, इसका सोसायटी व बाजार पर असर, प्रोडक्ट और टीम आदि के आधार पर चयन किया। इसी माह से इसकी शुरुआत कोटा में भीमगंजमंडी डिस्पेंसरी से की जाएगी। इसके लिए अमेरिका की क्रिस सागा व एंट्री कैपिटल जैसी बड़ी कंपनियों ने इसमें निवेश करने में दिलचस्पी दिखाई है। देश के 10 लाख मेडिकल स्टोर्स को भी इससे जोड़ा जाएगा।
भीमगंजमंडी डिस्पेंसरी से इसलिए की शुरुआत
श्रेयांस बताते हैं कि इस एप का आइडिया भीमगंजमंडी डिस्पेंसरी में मरीजों को परेशान होते देख आया था। इस डिस्पेंसरी में श्रेयांस के पिता डॉ. सुभाष मेहता मरीजों को देख रहे थे। इस दौरान कई मरीज पुराने पर्चे व रिपोर्ट लेकर नहीं आए थे। ऐसा अमूमन हर मरीज के साथ था। इसे अपने दोस्तों से शेयर किया और कुछ ही दिनों की मेहनत के बाद ये एप तैयार किया। 9 मई के बाद ये डिस्पेंसरी भारत की पहली ऑनलाइन रिकार्ड वाली डिस्पेंसरी बन जाएगी।
हमेशा सुरक्षित रहेगा मेडिकल रिकॉर्ड
इस एप में मरीज का मोबाइल नंबर डालते ही डॉक्टर के मोबाइल पर उसकी पूरी हिस्ट्री आ जाएगी। डिस्पेंसरी पर बाकायदा टेक्निकल एक्सपर्ट बैठेंगे, जो लोगों को एप के बारे में जानकारी देंगे। इस एप पर पर्चों और रिपोर्ट की फोटो डालने से रिकॉर्ड हमेशा के लिए सुरक्षित हो जाएगा। इसमें प्राइवेसी का भी ध्यान रखा गया है। मेडिकल रिपोर्ट केवल इलाज करने वाले डाक्टर या मरीज के ही मोबाइल पर खुलेगी।
स्मार्टफोन व साधारण फोन के लिए अलग-अलग व्यवस्था
इसमें 2 तरह की व्यवस्था है। एक शहरी मरीजों के लिए जो स्मार्टफोन यूज करते हैं और दूसरा ग्रामीण मरीजों के लिए जो साधारण मोबाइल यूज करते हैं। एप पर रजिस्ट्रेशन के बाद पर्चे की फोटो खींचकर डालना होगा। रजिस्ट्रेशन मोबाइल नंबर के आधार पर होगा। इसमें उस डॉक्टर का नाम भी जोड़ा जाएगा जिसका इलाज चल रहा है। जरूरत पड़ने पर मरीज और डॉक्टर रिपोर्ट देख सकते हैं। यदि मरीज का मोबाइल साधारण है तो केवल डॉक्टर के मोबाइल पर ही डिटेल दिखेगी।
Source: Bhaskar.com