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चालू वित्त वर्ष के लिए देश की विकास दर अनुमान में पूरे 1 फीसदी की कटौती

विमुद्रीकरण के पड़े प्रभाव के कारण अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने बड़ा झटका देते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए देश की विकास दर अनुमान में पूरे 1 प्रतिशत की कटौती की है।

साथ ही आईएमएफ ने अगले वित्त वर्ष के अनुमान में 0.4 फीसदी अंकों की कटौती भी की है। इससे पहले सरकार ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ रेट का अपना अनुमान घटाकर 7.1 प्रतिशत कर दिया है।

इस वित्तीय वर्ष के लिए वर्ल्ड बैंक ने भारत की इकनॅामी ग्रोथ रेट घटाकर 7.0 फीसदी, आईएमएफ ने 6.6 फीसदी व फिच ने 6.9 फीसदी कर दिया है।

आईएमएफ ने इससे पहले चालू वित्त वर्ष की समाप्ति पर ग्रोथ रेट का अनुमान 7.6 फीसदी बताया रहने का अनुमान लगाया था। जिसे अब घटाकर 6.6 फीसदी कर दिया है।

आईएमएफ ने अपनी विश्व आर्थिक परिद्रश्य (डब्ल्यूइओ) रिपोर्ट में कहा है कि वर्तमान सत्र की विकास दर में 1 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष के लिए 0.4 प्रतिशत की कटौती की जाती है जिसका मुख्य कारण उसने नोटबंदी बताया है।

सरकार की पहल मेक इन इंडिया के तहत देश में फॅरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट को बल मिला था जिसके तहत लगा था कि वह अपने डबल डिजिट ग्रोथ के लक्ष्य को जल्द प्राप्त कर लेगी लेकिन नोटबंदी के बाद ग्रोथ रेट में लगातार गिरावट दर्ज की गयी है।