हालांकि अभी ये तय नहीं कि किस सामान पर वास्तव में कुल कितना कर लगेगा। इस बारे में अंतिम फैसला जीएसटी काउंसिल करेगी। सेस टैक्स के ऊपर लगाया जाता है।
इस बीच पहली जुलाई से जीएसटी लागू होने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई काउंसिल की बैठक में नयी कर व्यवस्था लागू करने के लिए बचे दो कानून के मसौदे को मंजूरी दे दी गयी। इस तरह सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी सीजीएसटी, स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी एसजीएसटी, यूनियन टेरीटरी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी यूटी जीएसटी, इंटिग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी एसजीएसटी और मुआवजे से जुड़े कानून के मसौदे को मंजूरी दी जा चुकी है।
इनमें से चार से जुड़े विधेयक, सीजीएसटी, आईजीएसटी, मुआवजा और यूटीजीएसटी को संसद के मौजूदा सत्र में पेश करने की कोशिश है, वहीं एसजीएसटी से जुड़े विधेयक को 29 राज्यों के साध दिल्ली और पुड्डुचेरी के विधानसभाओं में मंजूरी दिलायी जाएगी।
काउंसिल की बैठक में ये तय हुआ कि
- पान मसाले पर मूल कीमत के 135 फीसदी के बराबर तक सेस लगाया जा सकता है। यदि पान मसाले पर 28% जीएसटी की दर तय होती है तो टैक्स के बाद कुल 28+135 यानी 163% की दर से टैक्स और सेस लगेगा।
- वहीं तंबाकू और तंबाकू से से बने उत्पादों जैसे सिगरेट पर 4170 रुपये प्रति हजार या फिर मूल कीमत के 290 फीसदी के बराबर तक सेस लगाने का प्रस्ताव है।
- मिनरल वाटर, एरिटेडेट वाटर और फ्लैवर्ड वाटर पर सेस की दर मूल कीमत के 15 फीसदी के बराबर तक होगी। यदि जीएसटी की दर 28% तय होती है तो सेस मिलाकर ये दर 43% तक जा सकती है।
- मोटर कार और दूसरे कार पर भी सेस की ऊपरी दर 15 फीसदी रखे जाने का प्रस्ताव है। यदि जीएसटी की दर 28% तय होती है तो सेस मिलाकर ये दर 43% तक जा सकती है।
- कोयले पर 400 रुपये प्रति टन के हिसाब से पर्यावरण सेस लगाने का प्रस्ताव है।
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने साफ किया कि ये सभी सेस की ऊपरी दरें हैं, अंतिम दर इससे कम भी हो सकती है। लेकिन कोशिश यही है कि अभी लग्जरी सामान के साथ पान मसाला, सिगरेट, मिनरल वाटर, कोल्ड ड्रिंक और कार वगैरह पर जितना कर अभी लगता है, जीएसटी लागू होने के बाद भी उतना ही कर लगे।
ध्यान रहे कि जीएसटी के तहत विभिन्न सामान और सेवाओं पर 5, 12, 15 और 28 फीसदी की दर से कर लगाने का प्रस्ताव है। विलासिता के सामान के साथ मिनरल वाटर, कोल्ड ड्रिंक और मोटर कार पर जीएसटी की चार दर के ऊपर सेस लगाया जाएगा। अब 31 मार्च के बाद तय होगा कि किस सामान पर कितना-कितना जीएसटी लगेगा।
काउंसिल की बैठक के फैसलों का ऐलान करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नियमों के नौ समूह में पांच को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। इन पांच में पंजीकरण, टैक्स के भुगतान, रिफंड, इनवॉयस और रिटर्न से जुड़े नियम शामिल हैं। वहीं कंपोजिशन, वैल्यूशन और इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ ट्रांजिशन से जुड़े नियमों पर 31 मार्च को होने वाली काउंसिल की अगली बैठक में चर्चा होगी।
Source: ABPNews