अधिकारियों का कहना है कि तेलंगाना में लगभग 33,000 एमएसएमई इकाइयाँ हैं इनमें से 7, 842 इकाइयों की वर्तमान में स्थिति खराब होने के बहुत से कारण हैं। इनमें से लगभग 70 से 80% शहर के अन्दर या आसपास स्थित हैं। डेटा के अनुसार यह क्षेत्र रोजगार का सबसे बड़ा हिस्सा पैदा करता है।
इनमें से कई एमएसएमई के पास बैंक ऋण हैं। और जब वह बैंक से कठनाई के समय मदद करने की उम्मीद करते हैं, तो उनके प्रति ईमानदारी नहीं दिखायी जाती है क्योंकि ये सभी छोटे उधारकर्ता होते हैं।
तेलंगाना के आईटी सचिव जयेश रंजन ने कहा, “बैंक बड़ी कम्पनियों के लोन को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं। ऐसी परिस्थितियों में टीआईएचसी की प्रमुखता बढ़ जाती है क्योंकि यह पूरी तरह से एमएसएमई की आवश्यकताओं के लिए समर्पित है। आधिकारिक लॉन्च की घोषणा करने वाला एक सरकारी आदेश कुछ दिनों में इस संदर्भ में जारी किया जाएगा।”
विभिन्न क्षेत्रों के एक्सपर्ट क्लिनिक का हिस्सा होंगे। जिसकी देखरेख एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी करेगा। यह एक बड़े कॉर्पस के साथ समर्थित होगा जिसका एक बड़ा हिस्सा (लगभग 10 करोड़) तेलंगाना सरकार देगी। और अन्य 50 करोड़ केंद्र द्वारा प्राप्त होगा। इसके अलावा विशेषज्ञ इंडस्ट्रीज की परेशानियाँ पहचानने के साथ-साथ उनका हल भी बताएँगे।