और इस दौरान एमएसएमई सेक्टर के श्रमिकों के विस्थापन की भी कोई जानकारी नहीं है। हरीभाई ने कहा है कि सरकार के पास इसका अलग से कोई ब्योरा नहीं है।
मंत्री ने हालांकि कहा कि नोटबंदी के दौरान, मंत्रालय ने विभिन्न एमएसएमई संघों के साथ कई बैठकें कीं थी।
इस सवाल पर कि कई एमएसएमई इकाइयों ने नवंबर और दिसंबर 2016 में काम करना बंद कर दिया था, हरीभाई ने कहा कि ऐसी किसी भी जानकारी के बारे में मंत्रालय को कोई भी सूचना नहीं मिली है।
सरकार ने 8 नबंवर 2016 को 500 और 1000 रूपये के नोट बंद कर दिये थे तभी से ये सवाल उठ रहे हैं कि नोटबंदी की वजह से छोटे और लघु उद्योगों की कमर टूट गई है।