समारोह में जेटली ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी से केंद्र व राज्य दोनों का रेवेन्यू बढ़ेगा। जिससे की इकॉनमी बेहतर दिशा में होगी।
वित्त मंत्री ने बताया कि फॉर्मल इकोनॉमी धीरे-धीरे बढ़ रही है और बैंकिंग सिस्टम और डिजिटल मोड में ट्रांजैक्शन भी अधिक हो रहे हैं। जीएसटी पर बात करते हुए मंत्री ने कहा कि बिल के लागू होने के बाद पूरे देश में एक कर-प्रणाली काम करेगी। और ये करों के सरलीकरण की तरफ एक बड़ा कदम होगा।
भारत को एक बहुत बड़ी टैक्स नॉन कम्प्लायंस सोसायटी बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे केंद्र व राज्य सरकारों को अपनी इनकम बढ़ाने के लिए मुश्किलें पेश आती हैं। जिसका लाभ कर चोरी करने वालों को मिलता है। और इससे टैक्स सिस्टम कमजोर होता है, क्योंकि कर ना देने वाले तो टैक्स को मैनेज कर लेते हैं जिसका नुक्सान टैक्स देने वाले उठाते हैं।
लेकिन सरकार के नोटबंदी के कदम से यह सब रुकेगा। जिससे शैडो, पैरलल और इन्फॉर्मल इकोनॉमी आने वाले दिनों में फॉर्मल इकोनॉमी में बदल जाएगी।
जेटली ने कहा जीएसटी पर राज्यों के साथ चल रहे सभी मुद्दो को सलझाया जा रहा है। जिसमें से कई मुद्दों पर जीएसटी काउंसिल ने राज्यों को एक मत कर लिया है। राज्य इसमें अपना पूरा सहयोग दे रहे है, हमें उम्मीद है कि 1 जुलाई से जीएसटी लागू होगा। इसके बाद भारत एक सिंगल मार्किट में तब्दील हो जायेगा।