– क्रिप टेक्नालाजी
आरिफ खान -घर बैठे ऑटो बुक करें, वो भी एप पर ही पूरी बार्गेनिंग (सौदेबाजी) कर। इंजीनियरिंग कॉलेज जबलपुर के 10 स्टूडेंट्स के ग्रुप ने स्टार्टअप कंपनी बनाई। आज 300 ऑटो इनसे जुड़े हैं। एक मिनट में बुकिंग होती है। कस्टमर एप डाउनलोड करेंगे तो उसकी सूचना उस एरिया के करीब एक से दो किमी की रेंज में मौजूद ऑटो चालकों तक पहुंच जाएगी। वे अपना रेट डालेंगे और कस्टमर अपना रेट बताएगा। रेट तय होने के बाद ऑटो अपना रूट बताएगा। ग्रुप के सदस्य जीपीएस से उसे मॉनीटर करेंगे।
– मुंशीजी डाट कॉम
ज्ञानेन्द्र सिंह – जबलपुर से बीई करने के बाद यूएस में दस साल रहे। इसके बाद 2011 में पूना वापस आकर कागलिग सिस्टम कंपनी खोली। कंपनी खोलने से पता चला कि राह आसान नहीं थी। इसके बाद 2013 में जबलपुर आकर मुंशीजी डाट कॉम स्टार्टअप शुरू किया। इस कंपनी के बेंगलुरू, हैदराबाद, पुणे समेत भारत के हर बड़े शहर में क्लाइंट हैं।
– असिस्ट क्लिक
श्रीमती इंदु श्रोती – 2005 में गैराज से बीपीओ (बिजनेस प्रोसेसिंग आउटसोर्सिंग) शुरू किया। अब केपीओ (नालेज प्रोसेसिंग आउटसोर्सिंग) कर रहे हैं। इसमें विभिन्न डिपार्टमेंट, कंपनियों के डाटा की प्रोसेसिंग करते हैं। आज 150 से अधिक युवा देशभर की बड़ी कंपनियों और विभागों की डाटा प्रोसेसिंग करते हैं।
– कार्गो टेक्नालॉजी
कुणाल गाला – बीई 2005 में करने के बाद आईटी सेक्टर में बिजनेस के बारे में सोचा। 2013 में स्टार्टअप शुरू कर पाए। इन्होंने ईआरपी यानि इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग का साफ्टवेयर शुरू किया। हमारा काम अकाउंट, मानव संसाधन, फाइनेंस, माइनिंग, डिफेंस, सेक्टर में होता है।
– फार्मोन कंपनी
अमित शर्मा – वर्ष 2005 में ग्वालियर इंजीनियरिंग कॉलेज से बीई करने के बाद दीप्तिमान चौधरी के साथ मिलकर फार्मोन एग्रीकल्चर कंपनी शुरू की। पहले 25 एकड़ का खेत खरीदा और आधुनिक तरीके से खेती की। टमाटर, ब्रोकली, मिर्ची का उत्पादन करते हैं। इसे बेंगलुरू में बिग बॉस्केट को सप्लाई करते हैं।
Source: Nai Dunia