कुमार ने इंड़स्ट्री बॅाड़ी एसोचैम द्वारा शुरू किए गए पोर्टल myloanassocham.com को लॉन्च किया जो एसएसएमई को बैंकों और वित्तीय संस्थानों से सस्ती दर पर ऑनलाइन फंड प्राप्त करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि साल 2007 के आंकड़ों के अनुसार एसएमई सेक्टर जीड़ीपी में 8 फीसदी का योगदान देता है इसके साथ ही निर्यात में भी एसएमई क्षेत्र का योगदान 40 प्रतिशत व मैन्यूफैक्चरिंग सैक्टर में इसका सहयोग 45 प्रतिशत है। इस आंकड़ो का सही ग्राफ प्राप्त करने के लिए मिनिस्ट्री एमएसएमई आधारित एक डाटा बैंक बनाने की तैयारी कर रही है, जिसकी सहायता से सेक्टर की वास्तविक आवश्यकताओं का पता चलेगा।
कुमार ने उद्यमियों को इस योजना के अंतर्गत खुद को रजिस्टर करने के लिए कहा है। साल 2015 में मंत्रालय ने उद्योग आधार योजना (UAM) का शुभारंभ किया था। आधार कार्ड के साथ एमएसएमई उद्योग पांच मिनट में अपना रजिस्ट्रैशन इस योजना के तहत करा सकते हैं।
कुमार ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने एमएसएमई उद्योग, जो समस्याओं का सामना कर रहे हैं, के रिवाइवल और रिहैबिलिटेशन (पुनरुद्धार और पुनर्वास) के लिए समिति (कमेटी) बनाने के दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। बैंक इन नियमों को राज्य स्तर पर स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं।
कुमार ने कहा की भारत में 90 प्रतिशत एमएसएमई या तो स्वामित्व या साझेदारी मॉडल के आधार पर कर काम रही हैं इसलिए उनमें कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर को बनाने पर जोर दिया जा रहा है जिससे कि उद्यमी के मरने के बाद उद्यम समाप्त न हो।
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